Cultural

भारत में हर दस किमी में बदल जाती है बोली : संदीप मारवाह

सातवें ग्लोबल लिटरेरी फेस्टिवल नोएडा के वर्चुअल आयोजन में जुटीं देश विदेश की जानी मानी हस्तियों ने हिंदी दिवस पर रखे अपने विचार। कहा हिंदी भाषा शब्दों की प्रेरणा शक्ति है।

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Language, HIndi, English

“मैं तो ENGLISH पढ़ा-लिखा, मुझे हिंदी न समझाओ तुम”

अंग्रेजी न जानना कोई अपराध नहीं है। अंग्रेजी सभ्यता में न तो हम पले-बढ़े हैं और न ही यह हमारी भाषा, लेकिन जो लोग हिंदी नहीं जानते हैं, वे जरूर अपराध कर रहे हैं। हिंदी समाज में जन्म लेकर हिंदी से इतनी नफरत मानसिक बीमारी जैसा है।

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भाषाओं का अवसान यानी पहचान का गला घोंटना

भाषाओं के लुप्त होने के साथ ही हमारी विविधता भी खत्म होगी। हमें ध्यान रखना होगा कि हमारी विविधता ही हमारी ऊर्जा है। इकहरापन हमें नीरस बनाता है, जिससे हमें जल्दी ऊब जाते हैं।

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दूर हुए खजूर, पुराण से कुरान तक में है खूबियों की चर्चा

यही एकमात्र पेड़ है, जिसकी पत्तियां कभी झड़ती नहीं हैं। हर ऋतु में एक ही रहती है। आयुर्वेद तथा वैद्यक शास्त्र में विभिन्न उपचार के लिए इसके फलों, पत्तों, जड़ को महत्वपूर्ण माना गया है।

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स्वदेशी, स्वराज और स्वावलंबन का दस्तावेज चरखा

जिस हथियार से गांधी जी ने अंग्रेजों से लोहा लिया, देश को एक सूत्र में बांधा, देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया, जाति, धर्म का भेद मिटाया, आज वह संग्रहालयों में विरासत की वस्तु बन गया है।

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