30 अक्टूबर को वेटिकन में पोप फ्रांसिस के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। (Photo Source: Twitter @MEAIndia)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि पोप फ्रांसिस से उनकी “मुलाकात बेहद गर्मजोशी भरी रही” और उन्होंने रोमन कैथोलिक चर्च के प्रमुख के साथ कोविड-19 तथा जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। साथ ही उन्हें जल्द भारत की यात्रा के लिये आमंत्रित किया।
: खास बातें :
पोप ने प्रधानमंत्री के निमंत्रण को विनम्रतापूर्वक स्वीकार कर लिया और कहा, ‘आपने मुझे सबसे बड़ा उपहार दिया है, मैं भारत आने के लिए उत्सुक हूं।’एशिया में सबसे ज्यादा कैथोलिक आबादी वाला भारत दूसरा देश है, जहां करीब एक करोड़ 80 लाख कैथोलिक आबादी रहती है।
मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं, जिनसे फ्रांसिस ने 2013 में पोप बनने के बाद मुलाकात की है। मोदी ने मुलाकात की तस्वीरें भी साझा कीं। मोदी ने वेटिकन एपोस्टॉलिक पैलेस में पोप (84) के साथ हुई ऐतिहासिक बैठक के बाद ट्वीट किया, ”पोप फ्रांसिस से मुलाकात बहुत गर्मजोशी भरी रही। उनके साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर मिला। उन्हें भारत की यात्रा के लिये आमंत्रित भी किया।”
विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि पोप फ्रांसिस ने वेटिकन में एपोस्टॉलिक पैलेस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया। विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बैठक को एक “अद्वितीय अवसर” के रूप में वर्णित किया क्योंकि भारत के प्रधानमंत्री और पोप के बीच इससे पहले अंतिम बातचीत जून 2000 में हुई थी जब दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने वेटिकन में पोप जॉन पॉल द्वितीय से मुलाकात की थी।
शृंगला ने कहा, “प्रधानमंत्री और पोप के बीच एकांत में यह भेंट हुई; दोनों नेताओं ने कई सामयिक मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें कोविड-19 महामारी, महामारी से आर्थिक और स्वास्थ्य सुधार, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण के मुद्दे शामिल हैं। शृंगला ने कहा, “आप बातचीत की गर्मजोशी का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि बैठक 20 मिनट के लिए निर्धारित की गई थी, लेकिन लगभग एक घंटे तक चली।”
प्रधानमंत्री ने यथाशीघ्र भारत आने के लिए पोप फ्रांसिस को आमंत्रित किया, उन्होंने कहा, पोप ने “प्रधानमंत्री के निमंत्रण को विनम्रतापूर्वक स्वीकार कर लिया है और कहा, ‘आपने मुझे सबसे बड़ा उपहार दिया है, मैं भारत आने के लिए उत्सुक हूं’।”
READ: डोनाल्ड ट्रंप ने खोली मीडिया कंपनी, बोले-मेरी आवाज दबा नहीं सकते
ALSO READ: बोलने की आजादी के लिए संघर्ष करने वालों को नोबेल शांति पुरस्कार
यह पूछे जाने पर कि क्या भारत में धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दे पर पोप और प्रधानमंत्री के बीच चर्चा हुई, शृंगला ने कहा कि यह एक ऐसी चर्चा थी जिसमें किसी भी “बाहरी मुद्दों” को शामिल नहीं किया गया। यह देखते हुए कि पोप ने मोदी को वेटिकन के बारे में उनके काम के बारे में समझाने में बहुत समय लिया, उन्होंने कहा, “यह बेहद खास है, मैं कहूंगा, एक ऐसा स्थान जहां सदियों से दुनियाभर के लोगों के लिए श्रद्धा की धार्मिक और आध्यात्मिक वस्तुएं रखी गई हैं। इसलिए इसे (बैठक को) उसी संदर्भ में देखा जाना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि आपके (पत्रकार) द्वारा कहे गए किसी भी मुद्दे पर चर्चा नहीं की गयी थी। यह उस प्रकृति की चर्चा नहीं थी, यह एक ऐसी चर्चा थी जो किसी भी बाहरी मुद्दों से रहित थी, जो दो नेताओं के बीच बहुत गर्मजोशी और सौहार्दपूर्ण बातचीत तक ही सीमित थी।” विदेश मंत्रालय की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारत और द होली सी (वेटिकन सिटी) के बीच 1948 में राजनयिक संबंधों की स्थापना के समय से मैत्रीपूर्ण संबंध हैं।
एशिया में सबसे ज्यादा कैथोलिक आबादी वाला भारत दूसरा देश है, जहां करीब एक करोड़ 80 लाख कैथोलिक आबादी रहती है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने कोविड -19 महामारी और दुनिया भर के लोगों के लिए इसके परिणामों और जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौती पर भी चर्चा की।
प्रधानमंत्री मोदी जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इटली में हैं। उन्होंने पोप को जलवायु परिवर्तन से निपटने में भारत द्वारा की गई महत्वाकांक्षी पहलों तथा कोविड -19 रोधी टीकों की एक अरब खुराक देने में भारत की सफलता के बारे में बताया। प्रधानमंत्री मोदी रविवार से ग्लासगो में होने वाले जलवायु सम्मेलन में भी शामिल होंगे।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि परम पूजनीय (पोप फ्रांसिस) ने महामारी के दौरान जरूरतमंद देशों को भारत की ओर से सहायता दिये जाने की सराहना की। इसमें कहा गया कि प्रधानमंत्री ने पोप फ्रांसिस को भारत आने का न्योता दिया जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया। सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और पोप फ्रांसिस के बीच बैठक का समय केवल 20 मिनट निर्धारित था, लेकिन यह एक घंटे तक चली।
सूत्रों ने कहा कि दोनों ने धरती को बेहतर बनाने के लिये जलवायु परिवर्तन से लड़ने तथा गरीबी को दूर करने जैसे कई मुद्दों पर चर्चा की। वेटिकन प्रेस कार्यालय ने एक संक्षिप्त बयान में कहा गया, “एक संक्षिप्त बातचीत के दौरान, होली सी (वेटिकन सिटी) और भारत के बीच सौहार्दपूर्ण संबंधों पर चर्चा की गई”। इससे पहले पोप फ्रांसिस ने वेटिकन एपोस्टॉलिक पैलेस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने वेटिकन सिटी के विदेश मंत्री कार्डिनल पिएत्रो पारोलिन तथा ‘सेक्रेटरी ऑफ रिलेशंस विद स्टेट्स’ आर्चबिशप रिचर्ड गैलेगर से मुलाकात की।
वेटिकन में प्रधानमंत्री मोदी के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मौजूद थे। वेटिकन न्यूज के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने एक घंटे तक चली बैठक के दौरान पोप को एक विशेष रूप से निर्मित मोमबत्ती रखने का चांदी का स्टेंड और एक पुस्तक, “द क्लाइमेट क्लाइम्ब: इंडियाज स्ट्रैटेजी, एक्शन एंड अचीवमेंट्स” भेंट की।
विज्ञप्ति के मुताबिक, पोप ने मोदी को “द डेजर्ट विल बिकम ए गार्डन” (रेगिस्तान बन जाएगा एक उपवन) लिखी एक कांस्य पट्टिका, पोप के दस्तावेजों की पुस्तकें, विश्व शांति दिवस के लिए उनका संदेश और मानव बंधुत्व पर दस्तावेज़ दिए।
CMARG (Citizen Media And Real Ground) is a research-driven media platform that focuses on real issues, timely debates, and citizen-centric narratives. Our stories come from the ground, not from the studio — that’s why we believe: “Where the Ground Speaks, Not the Studios.” We cover a wide range of topics including environment, governance, education, economy, and spirituality, always with a public-first perspective. CMARG also encourages young minds to research, write, and explore bold new ideas in journalism.