मसौदा योजना में एनसीआर के प्रमुख शहरों के भीतर सुपर-फास्ट ट्रेनों के माध्यम से 30 मिनट की कनेक्टिविटी पर विशेष जोर दिया गया है। (Photo Source: Business Standard)
देश की राजधानी और आसपास के जिलों के काफी हिस्से को मिलाकर बने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का आकार और दायरा अब कम किया जाएगा। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र अब पहले से करीब 50 से 75 किमी कम हो जाएगा। सरकार ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है। एनसीआर योजना बोर्ड ने ‘मसौदा क्षेत्रीय योजना 2041’ को मंजूरी दे दी है। इसका उद्देश्य एनसीआर के शहरी क्षेत्रों के विकास पर ध्यान केंद्रित करना है। अब राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र राजघाट से 100 किमी के अंदर ही सिकुड़ जाएगा। इसके आगे का क्षेत्र एनसीआर से बाहर हो जाएगा।
एनसीआर वर्तमान में लगभग 150-175 किमी तक फैला हुआ है, जो आसपास के जिलों और उनके ग्रामीण क्षेत्रों को कवर करता है, लेकिन क्षेत्रीय योजना 2041 की मंजूरी मिलने से अब 100 किमी के बाहर का क्षेत्र एनसीआर का मुख्य हिस्सा नहीं रहेगा। सरकार की ओर से बहुत जल्द इस पर लोगों से सुझावों और आपत्तियां मांगी जाएंगी। इसका एक विस्तृत मसौदा योजना जल्द ही सार्वजनिक की जाएगी और उसके बाद एनसीआर योजना बोर्ड इसका नोटिफिकेशन जारी करेगा।
पीटीआई ने सूत्रों के हवाले बताया है कि “100 किमी के दायरे से आगे और मौजूदा एनसीआर सीमा तक लीनियर कॉरिडोर विकसित किए जाएंगे।” इससे एक्सप्रेसवे, राष्ट्रीय राजमार्ग और क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम से एक किमी के दायरे में आने वाले क्षेत्रों में विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।
साथ ही, इस 100 किमी के परिसीमन में आंशिक रूप से पड़ी तहसीलों को शामिल करने या छोड़ने का निर्णय संबंधित राज्य सरकारों पर छोड़ दिया जाएगा। एनसीआरपीबी की वेबसाइट पर उपलब्ध क्षेत्रीय योजना 2021 में सात मेट्रो केंद्रों के नाम हैं। इनमें – फरीदाबाद-बल्लभगढ़, गुड़गांव-मानेसर, गाजियाबाद-लोनी, नोएडा, सोनीपत-कुंडली, ग्रेटर नोएडा और मेरठ शामिल हैं।
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इसके अलावा, इसने 11 क्षेत्रीय केंद्रों की भी पहचान की थी- जिसमें बहादुरगढ़, पानीपत, रोहतक, पलवल, रेवाड़ी-धारूहेड़ा-बावल, हापुड़-पिलखुआ, बुलंदशहर-खुर्जा, बागपत-बड़ौत, अलवर, ग्रेटर भिवाड़ी, शाहजहांपुर-नीमराना-बहरोड़ शामिल हैं। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि “गुड़गांव, फरीदाबाद, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और मेरठ के कुछ क्षेत्र और अन्य एनसीआर का हिस्सा रहेंगे क्योंकि वे 100 किमी-रेडियस एरिया में आते हैं। हमने पहले से ही ऐसे क्षेत्र विकसित किए हैं, जो 50-60 किलोमीटर के दायरे में आते हैं। अब शेष भाग पर ध्यान दिया जाएगा।”
मसौदा योजना में एनसीआर के प्रमुख शहरों के भीतर सुपर-फास्ट ट्रेनों के माध्यम से 30 मिनट की कनेक्टिविटी पर विशेष जोर दिया गया है और निकटतम एनसीआर सीमाओं से दिल्ली तक 30 मिनट की मास ट्रांजिट रेल सिस्टम (एमटीआरएस) शुरू करने का भी प्रस्ताव है।
मसौदा क्षेत्रीय योजना-2041 ने भविष्य में झुग्गी-झोपड़ी मुक्त राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिए एयर एम्बुलेंस सुविधा और हेलिटैक्सिस, सड़क, रेल और अंतर्देशीय जलमार्गों के माध्यम से उच्च गति कनेक्टिविटी का मार्ग प्रशस्त किया है।
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