English News

  • youtube

Apara Ekadashi-2025: अपरा एकादशी 2025- तिथि, शुभ मुहूर्त और आध्यात्मिक महत्त्व

Apara Ekadashi-2025: एकादशी व्रत हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। पूरे वर्ष में 24 एकादशियां आती हैं, जिनमें से ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है, जो जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और मोक्ष प्रदान करती है। वर्ष 2025 में अपरा एकादशी 23 मई को मनाई जाएगी, जिसके शुभ योग और विशेष मुहूर्त धार्मिक अनुयायियों के लिए बेहद फलदायी साबित होंगे।

[ADINSETER AMP]

Apara Ekadashi-2025: अपरा एकादशी की तिथि और समय

2025 में अपरा एकादशी की शुरुआत 22 मई को देर रात 1:13 बजे होगी, और यह तिथि 23 मई की रात 11:30 बजे तक रहेगी। वैदिक पंचांग और उदया तिथि के नियमों के अनुसार, व्रत 23 मई को रखा जाएगा क्योंकि यह दिन पूरी तरह एकादशी तिथि में आता है। इस तिथि पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं।

शुभ मुहूर्त और ज्योतिषीय योग

23 मई 2025 को कई शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन आयुष्मान योग और प्रीति योग का संयोग है, जो स्वास्थ्य, भाग्य और सुख-शांति के लिए विशेष लाभदायक माना जाता है। इसके अलावा बुध ग्रह वृषभ राशि में प्रवेश कर रहे हैं, जिससे बुधादित्य योग बनता है। यह योग बुद्धि, आर्थिक समृद्धि और ज्ञान वृद्धि का सूचक है। शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी की उपासना का विशेष महत्व है, इसलिए यह दिन विष्णु-लक्ष्मी की पूजा के लिए अत्यंत शुभ है।

[ADINSETER AMP]

व्रत का पालन और पारण समय

अपरा एकादशी व्रत को कड़ाई से पालन करने का विधान है। व्रत पारण द्वादशी तिथि को किया जाता है। इस बार व्रत पारण का समय 24 मई की सुबह 5:26 बजे से शाम 8:11 बजे तक रहेगा। इस समय के भीतर व्रत खोलना चाहिए ताकि व्रत पूर्ण फल प्रदान करे।

व्रत के बाद दान और सामाजिक महत्व

व्रत के बाद द्वादशी तिथि को दान देना बहुत शुभ माना गया है। दान देने की परंपरा न केवल धार्मिक अनुयायियों को पुण्य देती है, बल्कि समाज में सहयोग और भाईचारे को भी बढ़ावा देती है। इस दिन गरीबों, ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, घी और मिठाई दान करना आर्थिक लाभ और सुख-समृद्धि का मार्ग खोलता है। दान से व्यक्ति के जीवन में कभी कमी नहीं आती और मन की शांति प्राप्त होती है।

अपरा एकादशी पूजा विधि

इस दिन सुबह जल्दी उठकर शुद्ध जल से स्नान करें और साफ-सुथरे पीले वस्त्र पहनें। पूजा स्थल को साफ-सुथरा करके पीला वस्त्र बिछाएं और भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। जल, फूल, धूप, दीप, चंदन से पूजा करें। तुलसी के पत्ते और मिठाई का भोग लगाएं। व्रत कथा का श्रवण करना भी अत्यंत फलदायक माना जाता है। अंत में आरती कर प्रसाद वितरित करें।

[ADINSETER AMP]

यह विधि न केवल आध्यात्मिक शुद्धि करती है, बल्कि मानसिक एकाग्रता और ऊर्जा का संचार भी करती है।

अपरा एकादशी के मंत्र और उनके लाभ

अपरा एकादशी के दिन निम्न मंत्रों का जाप अत्यंत शुभ होता है:

  • “ॐ वासुदेवाय विघ्माहे वैधयाराजाय धीमहि तन्नो धन्वन्तरी प्रचोदयात्” — यह मंत्र स्वास्थ्य और समृद्धि का संचार करता है।

  • “शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं…” — भगवान विष्णु के इस स्तोत्र का जाप मन को शांति और सुरक्षा प्रदान करता है।

  • “ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये…” — यह मंत्र धन और संपन्नता का आह्वान करता है।

मंत्रों का जाप व्रत को पूर्ण करने और भगवान की कृपा पाने का एक शक्तिशाली माध्यम है।

[ADINSETER AMP]

आध्यात्मिक और व्यावहारिक महत्व

अपरा एकादशी का व्रत न केवल धार्मिक कर्तव्य है, बल्कि यह आत्मा की शुद्धि और मन की शांति का भी साधन है। कहा जाता है कि इस दिन किए गए व्रत और पूजा से न केवल पाप धुल जाते हैं, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। इसके अलावा आर्थिक लाभ भी मिलता है, जिससे जीवन में स्थिरता आती है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अपरा एकादशी व्रत मोक्ष प्रदान करता है और सांसारिक परेशानियों से मुक्ति दिलाता है। इसलिए यह व्रत हर वर्ष श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है।

अपरा एकादशी 2025 का व्रत धार्मिक अनुयायियों के लिए एक अवसर है, जिसमें वे अपने जीवन को पवित्र और समृद्ध बनाने का संकल्प लेते हैं। सही तिथि, शुभ मुहूर्त, व्रत विधि और दान की परंपरा को समझकर इस दिन का आयोजन करना चाहिए। इससे न केवल आध्यात्मिक लाभ होता है, बल्कि सामाजिक रूप से भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अतः अपरा एकादशी का व्रत श्रद्धा, नियम और पूजा विधि के साथ मनाएं और जीवन में खुशहाली लाएं।

[ADINSETER AMP]

CMARG (Citizen Media And Real Ground) is a research-driven media platform that focuses on real issues, timely debates, and citizen-centric narratives. Our stories come from the ground, not from the studio — that’s why we believe: “Where the Ground Speaks, Not the Studios.” We cover a wide range of topics including environment, governance, education, economy, and spirituality, always with a public-first perspective. CMARG also encourages young minds to research, write, and explore bold new ideas in journalism.

Exit mobile version