कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी। (Image Source: Republic TV)
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी नए साल से ठीक पहले नानी के घर इटली चले गए। पार्टी की ओर से बताया गया है कि वे निजी यात्रा पर गए हैं। उनके विदेश जाने के ठीक बाद पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘राहुल गांधी संक्षिप्त निजी यात्रा पर गए हैं। भाजपा और मीडिया में उसके दोस्तों को अनावश्यक अफवाहें नहीं फैलानी चाहिए।’’ लेकिन दिक्कत भाजपा को नहीं, कांग्रेसियों को ही हो गई।
दरअसल राहुल गांधी पर अक्सर आरोप लगते हैं कि जब भी देश में उनकी जरूरत होती है, खास तौर पर उनकी पार्टी के लिए उनकी उपस्थिति अहम होती है, वह तभी विदेश चले जाते हैं। इससे कार्यकर्ताओं पर बुरा असर पड़ता है। इसका फायदा उठाते हुए भाजपा इसको मुद्दा बना लेती है और मीडिया में उनकी छवि खराब होने लगती है, जो अंतत: कांग्रेस पार्टी पर ही भारी पड़ जाती है।
: खास बातें :
वर्ष 2020 के दिसंबर के अंत में भी जब देश में कृषि कानून को लेकर विरोध-प्रदर्शन चरम पर था, और पार्टी के लिए राहुल की उपस्थिति जरूरी थी, तब भी वे नए साल से तीन दिन पहले नानी से मिलने इटली के मिलान शहर रवाना हो गए थे
राहुल की विदेश यात्रा ने कांग्रेस की पंजाब इकाई में बेचैनी पैदा कर दी है, क्योंकि यह ऐसे समय में हुआ है जब पार्टी विधानसभा चुनावों के लिए गुटबाजी और बगावत से जूझ रही है
वर्ष 2020 के दिसंबर के अंत में भी जब देश में कृषि कानून को लेकर विरोध-प्रदर्शन चरम पर था, और पार्टी के लिए राहुल की उपस्थिति जरूरी थी, तब भी राहुल गांधी नए साल से तीन दिन पहले नानी से मिलने इटली के मिलान शहर रवाना हो गए थे। इसको लेकर मीडिया के साथ ही राजनीतिक हलकों में काफी चर्चाएं हुई थीं।
ताजा मामला यह है कि पांच राज्यों में विधानसभा का चुनाव की तिथियां घोषित होने वाली हैं। इस बीच पंजाब के मोगा में तीन जनवरी को राहुल गांधी की एक सभा होने वाली थी। इस सभा से ही कांग्रेस पार्टी राज्य में अपने चुनावी अभियान की शुरुआत करने जा रही थी, लेकिन ऐन मौके पर राहुल गांधी नानी से मिलने इटली चल दिए।
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राहुल ने दिल्ली में एआईसीसी मुख्यालय में पार्टी के 137वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में भाग लेने के एक दिन बाद बुधवार को विदेश रवाना हो गए। पार्टी सूत्रों के हवाले से मीडिया को बताया गया कि वह नए साल की अपनी शुरुआत इटली में करने के लिए गए हैं, जहां वह पिछले साल की तरह अपनी बूढ़ी नानी के साथ समय बिताएंगे।
अब पार्टी ने 3 जनवरी को मोगा में होने वाली रैली स्थगित कर दी। इससे पार्टी कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। वे स्थानीय स्तर पर बड़ी मेहनत करके पार्टी के लिए जमीन तैयार करते हैं और राहुल गांधी अक्सर ऐसे मौकों पर विदेश कूच कर जाते हैं। राहुल गांधी इससे पहले पिछले नवंबर में भी एक अज्ञात विदेशी स्थान पर लगभग तीन सप्ताह बिताकर लौटे थे। अब उनके 15 और 16 जनवरी को पंजाब और गोवा में रैलियों को संबोधित करने की उम्मीद है।
राहुल की विदेश यात्रा ने कांग्रेस की पंजाब इकाई में बेचैनी पैदा कर दी है, क्योंकि यह ऐसे समय में हुआ है जब पार्टी विधानसभा चुनावों के लिए गुटबाजी और बगावत से जूझ रही है। राज्य पार्टी के एक नेता ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि मोगा रैली को एकता का प्रदर्शन माना जा रहा था।
राज्य के नेताओं ने कहा कि पार्टी ने पहले ही रैली की व्यवस्था करना शुरू कर दिया था और कार्यक्रम स्थल को अंतिम रूप दे दिया गया था। “हमें तो पता ही नहीं था कि वे विदेश चले गए हैं। हमें इसके बारे में तब पता चला, जब विपक्ष ने इस मुद्दे को उठाया और सुरजेवाला ने दौरे का बचाव किया।”
उन्होंने कहा, “रैली को अब स्थगित कर दिया गया है। हम उम्मीद कर रहे थे कि राहुल मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, पीपीसीसी प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू और अन्य नेताओं को एक ही मंच पर ला पाएंगे और पार्टी के हितों को नुकसान पहुंचाने वाली विभिन्न आवाजों को चुप करा सकेंगे।” कहा कि उनकी (राहुल) अनुपस्थिति टिकट वितरण की प्रक्रिया में देरी होती है, इससे पार्टी में असंतोष को और हवा मिलती है।
पार्टी के एक नेता ने कहा, ‘हम यह उम्मीद कर रहे थे कि शीर्ष नेतृत्व हस्तक्षेप करेगा और सिद्धू को नियंत्रित करेगा। लेकिन ऐसा लगता है कि वह अब सभी के लिए मुफ़्त है। पहले हम बहुत अधिक छुट्टियों पर रहने और पहुंच से बाहर होने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की आलोचना करते थे, लेकिन अब राहुल क्या कर रहे हैं?”
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