मददगारों की साझेदारी, तब वे संकट में थे, अब हम

बात पिछले साल मार्च 2020 की है। तब कोरोना दुनिया में तेजी से पनपना शुरू हुआ था। उस वक्त अमेरिका, ब्राजील, ब्रिटेन समेत कई देश कोरोना महामारी से तेजी से जूझ रहे थे। अमेरिका में हालात इस कदर खराब हो चुके थे और लोगों की जान ऐसे जा रही थी मानों मौत की हवा चल रही है। तब भारत सरकार और दुनिया के दूसरे कई देशों ने अमेरिका की मदद के लिए हाथ बढ़ाए थे।

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आज 2021 में वही हालात भारत के साथ है। भारत की जनता इससे बुरी तरह जूझ रही है। हजारों लोगों की रोजाना जान जा रही है। अस्पताल मरीजों से भरे हैं। नए मरीजों के लिए जगह नहीं, बेड नहीं, दवाएं नहीं, ऑक्सीजन नहीं है, वेंटिलेटर नहीं है और डॉक्टर भी नहीं हैं। इतना ही नहीं स्मशान घाटों और कब्रिस्तानों में भी जगह नहीं है। लोग सड़कों पर, घरों में, अस्पतालों के बाहर बिना इलाज, बिना दवा और बिना ऑक्सीजन के दम तोड़ रहे हैं। जाहिर है जब भारत में हालात सुधर रहे थे, तब हमने इसको और बेहतर करने की न सोचकर अतिआत्मविश्वास में लापरवाही करनी शुरू कर दी। उसका दुष्परिणाम यह हुआ कि अब पानी सिर से ऊपर हो गया है और डूबने के सिवाय कुछ नहीं बचा है।

अमेरिकी सरकार ने भारत के पिछले सहयोग को याद कर अपनी ओर से मदद की पेशकश की है। बाइडेन सरकार ने आश्वासन दिया है कि वह कोरोना से निपटने के लिए कोविशील्ड वैक्सीन के उत्पादन के लिए जरूरी खास कच्चा माल तत्काल उपलब्ध कराएगा। व्हाइट हाउस के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि बाइडन प्रशासन घातक कोविड-19 लहर के खिलाफ भारत की जंग को मजबूती देने के लिए सभी संसाधनों और आपूर्तियों को भेजने के लिए हर वक्त काम कर रहा है।

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भारत ने अमेरिका से कोविशील्ड टीके के उत्पादन के लिए कच्चे माल की आपूर्ति का आग्रह किया है। कोविड-19 के मामले हाल में बढ़ जाने के बाद भारत के लोगों के प्रति गहरी संवेदनाएं प्रकट करते हुए अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जेक सुलिवन ने अपने समकक्ष अजित डोभाल को रविवार को फोन कर भारत के साथ अमेरिका की एकजुटता की पुन: पुष्टि की। अमेरिकी एनएसए की प्रवक्ता एमिली होर्न ने फोन के बाद कहा, “जैसे भारत ने अमेरिका को मदद भेजी थी जब वैश्विक महामारी की शुरुआत में हमारे अस्पतालों पर दबाव बहुत बढ़ गया था वैसे ही हम जरूरत के इस वक्त में भारत की मदद के लिए दृढ़ हैं।” होर्न ने कहा, “भारत और अमेरिका के बीच सात दशक पुरानी स्वास्थ्य साझेदारी के आधार पर उन्होंने यह संकल्प लिया है कि भारत और अमेरिका कोविड-19 की वैश्विक महामारी के खिलाफ साथ में लड़ना जारी रखेंगे।’’ उन्होंने कहा कि अमेरिका ने ‘‘कोविशील्ड टीके के भारतीय उत्पादन के लिए तत्काल जरूरी विशेष कच्चा माल के स्रोतों की पहचान की है जिन्हें तुरंत भारत को उपलब्ध कराना है।”

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने भारत को घातक कोरोना वायरस संकट से निपटने में मदद देने के लिए आवश्यक चिकित्सकीय जीवनरक्षक आपूर्तियां और उपकरण समेत हर तरह का सहयोग देने का आश्वासन दिया है। बाइडन ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘वैश्विक महामारी की शुरुआत में हमारे अस्पतालों पर दबाव बहुत बढ़ जाने के बाद जैसे भारत ने अमेरिका को मदद भेजी थी वैसे ही हम जरूरत के इस वक्त में भारत की मदद के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।”

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cmarg author

Sanjay Dubey is Graduated from the University of Allahabad and Post Graduated from SHUATS in Mass Communication. He has served long in Print as well as Digital Media. He is a Researcher, Academician, and very passionate about Content and Features Writing on National, International, and Social Issues. Currently, he is working as a Digital Journalist in Jansatta.com (The Indian Express Group) at Noida in India. Sanjay is the Director of the Center for Media Analysis and Research Group (CMARG) and also a Convenor for the Apni Lekhan Mandali.

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