English News

  • youtube
  • facebook
  • twitter

अदालतें फटकारती हैं, पर सरकारें सुधरती नहीं हैं; फरमान पर स्कूलों को किया बंद

राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण की वजह से अदालत के आदेश पर स्कूलों और कॉलेजों को बंद कर दिया गया है।(Photo: Tashi Tobagyal Indian Express)

राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण की वजह से अदालत के आदेश पर स्कूलों और कॉलेजों को बंद कर दिया गया है। (Photo: Tashi Tobagyal Indian Express)

[ADINSETER AMP]

बढ़ते प्रदूषण, कोविड और असुरक्षा को लेकर देश की छोटी से लेकर बड़ी अदालतें सरकारों को कई बार फटकार लगा चुकी हैं, लेकिन हर बार स्थिति जस की तस रहती है। इससे तो यही लगता है कि मनमानीपन सिर्फ नीचे के स्तर पर नहीं, ऊपर के स्तर पर भी है। जब कोरोना चरम पर था, तब भी अदालतें लगातार सरकारों और उनके अधीन काम करने वाले ब्यूरोक्रेसी को निर्देशित करती रहीं, कुछ-कुछ वैसा ही अब भी बना हुआ है।

इस बीच दिल्ली सरकार ने बढ़ते वायु प्रदूषण के स्तर के बीच राष्ट्रीय राजधानी में अगले आदेश तक सभी स्कूलों को बंद करने की गुरुवार को घोषणा की। दिल्ली सरकार ने कहा कि हालांकि, बोर्ड परीक्षाएं निर्धारित समय के अनुसार जारी रहेंगी और पठन-पाठन की गतिविधियां ऑनलाइन आयोजित की जाएंगी। इससे पहले, उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने के बीच स्कूलों में प्रत्यक्ष कक्षाएं शुरू करने को लेकर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई, जिसके बाद सरकार ने यह फैसला किया।

[ADINSETER AMP]

: खास बातें :
न्यायालय ने ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ मुहिम को लेकर भी दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए गुरुवार को कहा कि यह लोकलुभावन नारा होने के अलावा और कुछ नहीं है।

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति सूर्य कांत की विशेष पीठ ने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार ने पिछली सुनवाई में जो वादे किए थे, वे पूरे नहीं किए

न्यायालय ने ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ मुहिम को लेकर भी दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए गुरुवार को कहा कि यह लोकलुभावन नारा होने के अलावा और कुछ नहीं है। प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की विशेष पीठ ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने पिछली सुनवाई में घर से काम करने, लॉकडाउन लागू करने और स्कूल एवं कॉलेज बंद करने जैसे कदम उठाने के आश्वासन दिए थे, इसके बावजूद बच्चे स्कूल जा रहे हैं और वयस्क घर से काम कर रहे हैं।

पीठ ने कहा, ‘‘बेचारे युवक बैनर पकड़े सड़क के बीच खड़े होते हैं, उनके स्वास्थ्य का ध्यान कौन रख रहा है? हमें फिर से कहना होगा कि यह लोकलुभावन नारे के अलावा और क्या है?’’

दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने हलफनामे का हवाला देते हुए कहा कि सरकार ने विभिन्न कदम उठाए हैं। इस पर पीठ ने टिप्पणी की, ‘‘यह प्रदूषण का एक और कारण है, रोजाना इतने हलफनामे।’’ पीठ ने कहा, ‘‘हलफनामे में क्या यह बताया गया है कि कितने युवक सड़क पर खड़े हैं? प्रचार के लिए? एक युवक सड़क के बीच में बैनर लिए खड़ा है। यह क्या है? किसी को उनके स्वास्थ्य का ख्याल करना होगा।’’

[ADINSETER AMP]

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में अगले आदेश आने तक स्कूल शुक्रवार से बंद रहेंगे। बोर्ड परीक्षाएं निर्धारित समय के अनुसार जारी रहेंगी और पठन-पाठन की गतिविधियां ऑनलाइन आयोजित की जाएंगी। राय ने कहा कि दिल्ली में प्रत्यक्ष कक्षाएं अगले आदेश तक शुक्रवार से बंद रहेंगी।

राय ने कहा, ‘‘हमने वायु गुणवत्ता में सुधार का पूर्वानुमान जताए जाने के कारण स्कूल फिर से खोल दिए थे, लेकिन वायु प्रदूषण फिर से बढ़ गया है और हमने अगले आदेश आने तक शुक्रवार से स्कूल बंद करने का फैसला किया है।’’ दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, ‘‘सभी बोर्ड परीक्षाएं निर्धारित समय पर जारी रहेंगी।’’

READ: शीर्ष कोर्ट का निर्देश- प्रदूषण नियंत्रण के लिए आपात कदम उठाए केंद्र

[ADINSETER AMP]

ALSO READ: दिल्ली में प्रदूषण: सरकार बोली- जीने के लिए पूर्ण लॉकडाउन जरूरी

दिल्ली में स्कूल, कॉलेज और अन्य शिक्षण संस्थान 13 नवंबर से बंद थे, लेकिन उन्हें सोमवार से खोल दिया गया था। कोविड-19 के नए स्वरूप से उत्पन्न चुनौतियों का हवाला देते हुए राय ने कहा कि बैठने की पूरी क्षमता के साथ मेट्रो ट्रेनों और बसों को चलाने के लिए स्थिति ठीक नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘सम-विषम (सड़कों पर कार की संख्या सीमित करने की योजना) पर कोई चर्चा नहीं हुई है।

दिल्ली सरकार ने पूर्व में आवश्यक सेवाओं में लगे ट्रकों को छोड़कर बाकी ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध सात दिसंबर तक बढ़ा दिया था। सीएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति है। उच्च वायु प्रदूषण के स्तर को देखते हुए दिल्ली में निर्माण और तोड़फोड़ गतिविधियों पर भी अगले आदेश तक प्रतिबंध जारी रहेगा।

[ADINSETER AMP]

राय ने कहा कि सेंट्रल विस्टा के बारे में केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि यह काम राष्ट्रीय महत्व का है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में उन रिपोर्टों की प्रतीक्षा है जिनके आधार पर दिल्ली सरकार आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार निर्माण स्थलों पर भी धूल-रोधी मानदंडों के उल्लंघन के संबंध में रिपोर्ट को लेकर जांच करेगी।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार पिछले सात साल में नवंबर के दौरान इस बार दिल्ली की वायु गुणवत्ता सबसे खराब रही। राष्ट्रीय राजधानी में 11 दिन ‘गंभीर’ प्रदूषण रहा और एक भी दिन हवा की गुणवत्ता ‘‘अच्छी’’ नहीं रही। विशेषज्ञों ने इसके लिए लंबे समय तक मॉनसून के मौसम के कारण पराली जलाने की सबसे ज्यादा घटनाओं वाली अवधि करीब एक सप्ताह आगे बढ़ने को जिम्मेदार ठहराया है।

CMARG (Citizen Media And Real Ground) is a research-driven media platform that focuses on real issues, timely debates, and citizen-centric narratives. Our stories come from the ground, not from the studio — that’s why we believe: “Where the Ground Speaks, Not the Studios.” We cover a wide range of topics including environment, governance, education, economy, and spirituality, always with a public-first perspective. CMARG also encourages young minds to research, write, and explore bold new ideas in journalism.

Exit mobile version