मायावती ने केंद्र और राज्य की सत्तारूढ़ सरकार पर निशाना साधते हुये कहा कि ताबड़तोड़ घोषणाएं, शिलान्यास और आधे-अधूरे कार्यों का उद्घाटन करने से किसी पार्टी का जनाधार बढ़ने वाला नहीं है।
सभी दल खुद को मुसलमानों का वोट पाने के लिए उनको अपना बताते रहते हैं, लेकिन जब उनसे कहा जाता है कि वे अपनी पार्टी के किसी मुसलमान को पार्टी अध्यक्ष बनाने या सत्ता में आने पर सरकार का मुखिया बनाने की घोषणा करें तो वे चुप्पी साध लेते हैं।