Cultural

Bangladesh Literature | Bishwo Shahitto Kendro |

Bangladesh: 200 सालों का साहित्य संकलन – बिश्वो शाहितो केंड्रो की अनूठी पहल

Bangladesh Literature: बौद्धिक रूप से बंगाली समाज ने इस अवधि में काफी प्रगति की है। उनकी बौद्धिक चेतना काफी तेजी से विकसित हुई है। इन 200 सालों के पहले भी बांग्ला साहित्य और बंगालियों के कार्य उल्लेखनीय रहे हैं, लेकिन बाद के दो सौ साल कहीं ज्यादा उत्साहजनक रहे हैं।

हिंदी दिवस: शुभकामनाएं आईं, पर हिंदी में नहीं; Wishing a great hindi day

आम जिंदगी में कई सज्जन ऐसे भी मिलने लगे हैं जो बड़े गर्व से कहते हैं कि उन्हें हिंदी आती तो है लेकिन वे उतना सहज नहीं है, लिहाजा अंग्रेजी में ही अपनी बात रखेंगे।

हिम्मत और हौसला भारत की पहचान; पीएम बोले- भारत की सामर्थ्य बनेगा युवा

भारत सरकार नवाचार, सामाजिक सेवा, शैक्षिक योग्यता, खेल, कला एवं संस्कृति और बहादुरी जैसी छह श्रेणियों में बच्चों को हर साल प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (PMRBP) प्रदान करती है।

इतिहास में समाया फैजाबाद स्टेशन, अयोध्या कैंट पर आपका स्वागत है

कुछ का मानना है कि इससे ‘इस ऐतिहासिक शहर की पहचान मिट’ जाएगी और ‘भ्रम पैदा’ होगा तो कई अन्य ने सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर सर्वत्र अयोध्या नाम उपयोग में लाया जाना उचित है। कहा कि ‘यह भगवान राम की नगरी है।’

PM Modi in Vetican

ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस से मिले पीएम मोदी, बोले- भारत आइए

प्रधानमंत्री ने यथाशीघ्र भारत आने के लिए पोप फ्रांसिस को आमंत्रित किया, उन्होंने कहा, पोप ने “प्रधानमंत्री के निमंत्रण को विनम्रतापूर्वक स्वीकार कर लिया है और कहा, ‘आपने मुझे सबसे बड़ा उपहार दिया है, मैं भारत आने के लिए उत्सुक हूं’।”

“मां की साड़ी कभी पुरानी नहीं होती”

सुजाता और सपना ने अगले दिन मां को बाजार ले जाने का प्लान बनाया। बच्चों के जिद्द करने से सीतलजी ने दो साड़ी ले ही ली। लेकिन फिर भी उनकी अलमारी पहले से ही भरी थी।

ईश्वर और हमारी आस्था: मन दृढ़ है तो संकट से अवश्य उबारेंगे आराध्य

अगर मन में आस्था प्रबल हो तो कभी भी और कहीं भी आपके आराध्य आपसे दूर नहीं होंगे। आपके हर कष्ट का निवारण करेंगे, मार्गदर्शन करेंगे और संकट हरण बनकर रक्षा करेंगे।

शास्त्री जी की पहचान – सादगी, विनम्रता ईमानदारी और राष्ट्रभक्ति

सोवियत संघ में शास्त्री जी के असामयिक निधन की वजह से उनको सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न उनको उनके जीवनकाल में नहीं दिया जा सका था। मरणोपरांत भारत रत्न पाने वाले वे पहले नागरिक थे।

जुल्म के विरुद्ध संघर्ष में महात्मा गांधी ने पत्रकारिता को बनाया साधन

अपनी आत्मकथा सत्य के प्रयोग में लिखा है कि अखबार के लिए विज्ञापन लेना पत्रकारिता को बेचने जैसा है। कहते हैं कि पत्रकारिता का व्यय पाठक संख्या बढ़ाकर निकालनी चाहिए, विज्ञापन लेकर नहीं। इसका उद्देश्य आर्थिक लाभ कमाना दूर-दूर तक नहीं था।

प्रयागराज में गांधी, अनिल के संग्रहालय में हैं ‘मोहन से महात्मा तक’

अनिल के म्यूज़ियम में 125 देशों में गांधी पर जारी करीब 3750 डाक टिकट ही नहीं, बल्कि बापू पर दुनिया भर से अब तक जारी लगभग हर करंसी, सिक्के, पोस्टकार्ड, पोस्टल स्टेशनरी, ग्रीटिंग्स, सोविनियर और स्पेशल कवर्स भी मौजूद हैं।

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