आजादी मिलने के बाद शुरुआती दौर में सत्ता की बागडोर देश के राजनेताओं के हाथ में आने के साथ ही उनके सामने व्यवस्था संचालन और राष्ट्र को एकजुट रखने की बड़ी चुनौती थी।
सितंबर के दौरान वस्तुओं के आयात से राजस्व 30 प्रतिशत अधिक रहा और घरेलू लेनदेन (सेवाओं के आयात सहित) से राजस्व पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक था।