वित्त मंत्री ने कहा, “स्मार्ट फोन की उपलब्धता में हालांकि वृद्धि दर्ज की गई, लेकिन निचली कक्षाओं के छात्रों को उच्च कक्षा के विद्यार्थियों की तुलना में ऑनलाइन गतिविधियां करने में कठिनाई महसूस हुई।”
अध्ययन में कहा गया, “पांच में से केवल तीन महिला (60 प्रतिशत) प्रतिभागी तीन वक्त का खाना खा सकती थी, जो सबसे असुरक्षित आबादी पर भोजन की उपलब्धता को लेकर दबाव को प्रतिबिंबित करता है।
भारत सरकार ने रैंकिंग के लिए इस्तेमाल की गई पद्धति को ‘‘अवैज्ञानिक’’ बताया। भारत 116 देशों के वैश्विक भूख सूचकांक (GHI) 2021 में 101वें स्थान पर पहुंच गया है, जो 2020 में 94वें स्थान पर था।
एक दशक में देश में खरबपतियों की संख्या 10 गुना से भी अधिक हो गई है। जहां 2011 में एक हजार करोड़ रुपये की संपत्ति वाले लोगों की संख्या 100 थी, 2021 में इनकी संख्या 1007 हो गई है।