फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया के बीच डीजल पनडुब्बियों के निर्माण के लिए करीब 100 अरब डॉलर का सौदा हुआ था। अमेरिका, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया के बीच हुए गठबंधन से यह रद्द हो गया। इससे चीन से ज्यादा फ्रांस तिलमिला उठा है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा, ‘‘अमेरिका, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया परमाणु ऊर्जा चालित पनडुब्बियों में सहयोग कर रहे हैं जो क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता को काफी कमजोर कर देगा।
ऑकस की पहली बड़ी पहल के तहत अमेरिका और ब्रिटेन की मदद से ऑस्ट्रेलिया परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियों का एक बेड़ा बनाएगा, जिसका मकसद हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता को बढ़ावा देना है।