अनिल के म्यूज़ियम में 125 देशों में गांधी पर जारी करीब 3750 डाक टिकट ही नहीं, बल्कि बापू पर दुनिया भर से अब तक जारी लगभग हर करंसी, सिक्के, पोस्टकार्ड, पोस्टल स्टेशनरी, ग्रीटिंग्स, सोविनियर और स्पेशल कवर्स भी मौजूद हैं।
बिन्नानी परिवार ने वहां के प्राकृतिक सौंदर्य, पर्वतों, द्वारों, सीढ़ियों, गुफाओं को भी यहां बनाया है। इस झांकी का निर्माण कपड़े और कागज से किया गया है। हूबहू उस मंदिर की प्रतिकृति देखनी हो तो यह झांकी अनुपम है। यहां गणेश जी का विसर्जन भी नहीं किया जाता।
नोएडा के मारवाह स्टूडियो में आयोजित सातवें ग्लोबल लिटरेरी फेस्टिवल में बोस्निया हर्ज़ेगोविना के भारत में राजदूत मुहम्मद सेनजिक की फोटोग्राफी की वर्चुअल प्रदर्शनी में विशिष्ट हस्तियों ने अपने विचार रखे।
सातवें ग्लोबल लिटरेरी फेस्टिवल नोएडा के वर्चुअल आयोजन में जुटीं देश विदेश की जानी मानी हस्तियों ने हिंदी दिवस पर रखे अपने विचार। कहा हिंदी भाषा शब्दों की प्रेरणा शक्ति है।
आजकल कई ऐसे लोग हमें अक्सर मिल जाते हैं, जो गलती से कोई एक शब्द हिंदी का बोल दिए तो सारी कहकर उसकी तुरंत अंग्रेजी बोल देते हैं। उन्हें हिंदी बोलने के बाद जो अपराधबोध महसूस होता है, वह अच्छी तरह समझा जा सकता है।
अंग्रेजी न जानना कोई अपराध नहीं है। अंग्रेजी सभ्यता में न तो हम पले-बढ़े हैं और न ही यह हमारी भाषा, लेकिन जो लोग हिंदी नहीं जानते हैं, वे जरूर अपराध कर रहे हैं। हिंदी समाज में जन्म लेकर हिंदी से इतनी नफरत मानसिक बीमारी जैसा है।
भाषाओं के लुप्त होने के साथ ही हमारी विविधता भी खत्म होगी। हमें ध्यान रखना होगा कि हमारी विविधता ही हमारी ऊर्जा है। इकहरापन हमें नीरस बनाता है, जिससे हमें जल्दी ऊब जाते हैं।
यही एकमात्र पेड़ है, जिसकी पत्तियां कभी झड़ती नहीं हैं। हर ऋतु में एक ही रहती है। आयुर्वेद तथा वैद्यक शास्त्र में विभिन्न उपचार के लिए इसके फलों, पत्तों, जड़ को महत्वपूर्ण माना गया है।
जिस हथियार से गांधी जी ने अंग्रेजों से लोहा लिया, देश को एक सूत्र में बांधा, देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया, जाति, धर्म का भेद मिटाया, आज वह संग्रहालयों में विरासत की वस्तु बन गया है।