हिंदी दिवस पर लोगों ने हिंदी को अंग्रेजी में याद किया। (फोटो स्रोत- वेबदुनिया)
विश्वनाथ झा
विश्व में चौथे नंबर की सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में से एक हिंदी को याद करने का दिन ‘हिंदी दिवस’ को एक बार फिर याद कर लिया गया। मानों हिंदी को सिर्फ याद करने के लिए ही हिंदी दिवस का आयोजन होता है। बाकी समय तो हमारे मन-मस्तिष्क पर अंग्रेजी ही छाई रहती है। कहने को तो हिंदी भारत की प्राचीनतम भाषाओं में से एक है, लेकिन आज का समाज इसे प्राचीन काल में ढकेल देना चाहता है, ताकि लोग उठते-बैठते, खाते-पीते, सोते-जागते सिर्फ और सिर्फ अंग्रेजी ही पढ़ें, अंग्रेजी ही बोलें और अंग्रेजी ही सुनें।
आजकल कई ऐसे लोग हमें अक्सर मिल जाते हैं, जो गलती से कोई एक शब्द हिंदी का बोल दिए तो सारी कहकर उसकी तुरंत अंग्रेजी बोल देते हैं। उन्हें हिंदी बोलने के बाद जो अपराधबोध महसूस होता है, वह अच्छी तरह समझा जा सकता है। ऐसे उच्चस्तरीय सामाजिक प्राणियों के लिए हिंदी कुछ वैसी ही है, जैसे स्वादिष्ट भोजन में कंकड़ आ जाना।
बहरहाल हिंदी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में वे बड़े शान से बोले कि “वी शुड स्पीक हिंदी ऐस हिंदी इज माय मदर टंग” उनकी इस वाणी को सुनकर कई हिंदी प्रेमी अपने खुद के हिंदी ज्ञान पर अचरज में पड़ गए। उन्हें कुछ ऐसा महसूस हुआ कि वे सचमुच आठवीं सदी के जीव हैं।
बहरहाल हिंदी दिवस पर उनके मुंह से हिंदी के प्रति ऐसा अनुराग सुनकर यह समझ में आया कि कम से कम वे लोग जो सोशल मीडिया पर हिंदी और अंग्रेजी मिलाकर तथाकथित हिंगलिश बोलते हैं, वे हिंदी के कुछ ज्यादा करीबी है। अन्यथा “वी शुड स्पीक हिंदी ऐस हिंदी इज माय मदर टंग” कहने वालों ने तो हिंदी के प्रति अपना जो अनुराग दिखाया है, वह तो दिल को अंदर तक महसूस करा ही गया।
READ: हिंदुस्तान में पराई हुई हिंदी!
READ ALSO: “मैं तो ENGLISH पढ़ा-लिखा, मुझे हिंदी न समझाओ तुम”
अगर यही हालत रही तो कुछ दिन बाद “वंस अपान ए टाइम देअर वाज ए लैंगुएज नेम्ड हिंदी इन ए कंट्री काल्ड इंडिया” बताया जाएगा और नई पीढ़ी उसे उसी तरह याद करेगी। अंग्रेजी अंतरराष्ट्रीय प्रचलन की भाषा बन गई है, उसको सीखना और उसके प्रति अनुराग बुरी बात नहीं है, लेकिन हिंदी के प्रति इतना घृणा बुरी बात जरूर है।
हमें आशा है कि इस लेख को पढ़ने वाली नई पीढ़ी के लोग इस पीड़ा को महसूस करेंगे और स्वयं से पूछेंगे कि वे हिंदी के प्रति कैसा विचार रखते है। वे स्वयं इस पर अपनी राय बनाएं तो यह उनके लिए ही अच्छा होगा।
The Center for Media Analysis and Research Group (CMARG) is a center aimed at conducting in-depth studies and research on socio-political, national-international, environmental issues. It provides readers with in-depth knowledge of burning issues and encourages them to think deeply about them. On this platform, we will also give opportunities to the budding, bright and talented students to research and explore new avenues.