Aadhaar Card: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हाल ही में अपने फैसले में कहा है कि आधार कार्ड (Aadhaar Card) को आयु प्रमाण (Age Proof) के रूप में नहीं माना जा सकता है, बल्कि इसे केवल पहचान के प्रमाण (Proof of Identity) के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। कोर्ट ने यह निर्णय एक दुर्घटना मुआवजा मामले में सुनाया, जिसमें मृतक की उम्र का निर्धारण आधार कार्ड (Aadhaar Card) के बजाय स्कूल छोड़ने के प्रमाण पत्र (School Leaving Certificate) से किया गया।
Aadhaar Card: आयु निर्धारण में शैक्षिक प्रमाण पत्र पर्याप्त
इस फैसले से स्पष्ट होता है कि उम्र प्रमाण (Age Proof) के लिए आधार (Aadhaar) पर्याप्त नहीं है, और कोर्ट ने आयु निर्धारण में अधिक सटीक दस्तावेजों जैसे शैक्षिक प्रमाण पत्र (Educational Document) की प्राथमिकता पर जोर दिया है। इस निर्णय ने आधार के उद्देश्य और सीमा को फिर से रेखांकित किया है।
Aadhaar Card: सरकारी योजनाओं में हो इस्तेमाल
आधार कार्ड (Aadhaar Card) को नागरिकता पहचान पत्र (Citizenship Identification) के रूप में उपयोग किया जा सकता है, लेकिन इसे आयु निर्धारण (Age Determination) के लिए नहीं माना जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपने इस फैसले में साफ कहा कि आधार (Aadhaar) का उपयोग मुख्यतः सरकारी योजनाओं तक पहुंच के लिए है, जैसे राशन कार्ड (Ration Card), पेंशन और सब्सिडी योजनाओं (Subsidy Schemes) का लाभ लेने में, लेकिन इसे जन्म तिथि (Date of Birth) या आयु प्रमाण (Age Proof) के तौर पर नहीं माना जा सकता।
यह मामला हरियाणा में एक सड़क दुर्घटना में मृत व्यक्ति के परिवार को मुआवज़ा देने से जुड़ा था। मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicle Act) के अनुसार, मृतक की आयु और आय के आधार पर मुआवज़े की गणना की जाती है। पीड़ित के परिवार ने अपनी अपील में कहा कि स्कूल छोड़ने के प्रमाण पत्र (School Leaving Certificate) के अनुसार मृतक की आयु 45 वर्ष थी, जबकि आधार कार्ड (Aadhaar Card) में इसे 47 वर्ष बताया गया था। इस आयु के अंतर से मुआवज़े की राशि में बदलाव होता, इसलिए परिवार ने इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में उठाया।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने यह स्पष्ट किया कि आधार (Aadhaar) का मुख्य उद्देश्य एक पहचान पत्र (Identity Document) के रूप में काम करना है, न कि जन्म प्रमाण (Birth Certificate) के रूप में। कोर्ट ने आधार कार्ड (Aadhaar Card) को किशोर न्याय अधिनियम (Juvenile Justice Act) और उच्च न्यायालय के कई फैसलों के हवाले से समर्थन करते हुए कहा कि जन्म प्रमाण (Birth Certificate) के लिए अन्य दस्तावेज जैसे स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र (School Leaving Certificate) अधिक विश्वसनीय हैं।
आधार (Aadhaar) को शुरू में केवल पहचान पत्र (Identity Document) के रूप में उपयोग करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। इसे सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं और सेवाओं का लाभ पहुँचाने के उद्देश्य से ही विकसित किया गया था। लेकिन धीरे-धीरे इसका उपयोग बढ़ते हुए, कई निजी संस्थाओं ने भी इसे अपनाना शुरू कर दिया है। वर्तमान में सरकारी योजनाओं के अलावा, कई निजी संस्थाएँ भी आधार (Aadhaar) का उपयोग सत्यापन (Verification) के लिए करती हैं।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 2018 में एक संवैधानिक बेंच के माध्यम से यह फैसला दिया था कि आधार (Aadhaar) का उपयोग केवल पहचान प्रमाण (Identity Proof) के लिए है। इसमें यह भी कहा गया था कि बैंक खाता खोलने, शैक्षिक संस्थानों (Educational Institutions) में दाखिला लेने या मोबाइल सिम कार्ड (Mobile SIM Card) प्राप्त करने के लिए आधार अनिवार्य नहीं है। परंतु सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों की पहचान के लिए इसे अभी भी अनिवार्य माना गया है।
आधार कार्ड (Aadhaar Card) का मूल उद्देश्य भारत के नागरिकों को एक सार्वभौमिक पहचान (Universal Identity) देना था। हालांकि इसे नागरिकता प्रमाण (Proof of Citizenship) के रूप में उपयोग किया जा सकता है, लेकिन आयु या जन्म प्रमाण (Proof of Birth) के लिए अन्य अधिक प्रामाणिक दस्तावेज़ों को प्राथमिकता दी जाती है। इस निर्णय के बाद आधार (Aadhaar) के कार्यक्षेत्र को लेकर UIDAI पर कई सवाल खड़े हुए हैं कि इसे किस हद तक पहचान के रूप में उपयोग किया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के इस फैसले से यह स्पष्ट होता है कि आधार कार्ड (Aadhaar Card) का इस्तेमाल केवल पहचान के प्रमाण (Proof of Identity) के रूप में किया जा सकता है, न कि जन्म या आयु प्रमाण (Proof of Age or Birth) के रूप में। इस फैसले का आगे कई अन्य मामलों में नजीर के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। इससे कई तरह की समस्याओं का निदान हो जाएगा।
The Center for Media Analysis and Research Group (CMARG) is a center aimed at conducting in-depth studies and research on socio-political, national-international, environmental issues. It provides readers with in-depth knowledge of burning issues and encourages them to think deeply about them. On this platform, we will also give opportunities to the budding, bright and talented students to research and explore new avenues.