कोरोना वायरस पर लगाम कसने के लिए अभी और ऐहतियात की जरूरत है। (Source: Express Photo by Amit Chakravarty/ File)
देशभर में कोरोना वायरस का असर कम जरूर हुआ है, लेकिन खत्म पूरी तरह से नहीं हुआ। ऐसे में ऐहतियात बरतने और कोविड-प्रोटोकॉल का पालन करने में जरा सी भी ढिलाई स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकती है। इसको लेकर सरकारी स्तर पर भी लोगों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। कोविड से संक्रमण के नए केस रोजाना आ रहे हैं। यानी कोरोना का वायरस काबू में तो आ गया है, लेकिन अभी जड़ से नहीं गया है।
रविवार को भारत में एक दिन में कोविड-19 के 39,361 नए मामले सामने आए हैं। इससे देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,14,11,262 हो गई। वहीं, 35 दिन बाद नमूनों के संक्रमित आने की दैनिक दर तीन प्रतिशत से अधिक दर्ज की गई। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सोमवार सुबह आठ बजे जारी किए गए अपडेट के अनुसार देश में 416 और लोगों की संक्रमण से मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4,20,967 हो गई। उपचाराधीन मरीजों की संख्या बढ़कर 4,11,189 हो गई है, जो कुल मामलों का 1.31 प्रतिशत है।
पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में कुल 2,977 बढ़ोतरी हुई है। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 97.35 प्रतिशत है। आंकड़ों के अनुसार, अभी तक कुल 45,74,44,011 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई है, जिनमें से 11,54,444 नमूनों की जांच रविवार को की गई। देश में नमूनों के संक्रमित आने की दैनिक दर 3.41 प्रतिशत है।
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नमूनों में संक्रमण की पुष्टि की साप्ताहिक दर 2.31 प्रतिशत है। अभी तक कुल 3,05,79,106 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं। कोविड-19 से मृत्यु दर 1.34 प्रतिशत है। देश में अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की कुल 43.51 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं। देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितम्बर को 40 लाख से अधिक हो गई थी।
वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवम्बर को 90 लाख के पार हो गए। देश में 19 दिसम्बर को ये मामले एक करोड़ के पार, चार मई को दो करोड़ के पार और 23 जून को तीन करोड़ के पार चले गए थे। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अभी तक जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें से 70 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों को अन्य बीमारियां भी थीं। मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि उसके आंकड़ों का भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के आंकड़ों के साथ मिलान किया जा रहा है।
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