दिल्ली में अब शराब की दुकानें रोज खुल सकेंगी और पीने वालों को आसानी से शराब मिल सकेंगी। (Photo Source: NDTV)
दिल्ली सरकार ने लोगों को दिल खोलकर शराब पीने देने का नायाब फैसला किया है। पहले शराब की दुकानें वर्ष में 21 विशेष दिनों में बंद रहती थीं, अब सरकार ने इन विशेष दिनों को घटाकर सिर्फ तीन दिन कर दिया है। इससे राजधानी के पियक्कड़ों की सेहत तो दुरुस्त होगी ही, सरकार को राजस्व भी भरपूर मिल सकेगा।
: खास बातें :
वर्ष के 365 दिनों में सिर्फ गणतंत्र दिवस (26 जनवरी), स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) और गांधी जयंती (2 अक्टूबर) को ही राजधानी में बंद रहेंगी मदिरा की दुकानें, बड़े होटलों में इन तीन दिनों में भी होगी शराब की बिक्री
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पहले महान नेताओं की जयंती और धार्मिक त्योहारों जैसे मकर संक्रांति, शहीद दिवस, महावीर जयंती, गुरु नानक जयंती, महा शिवरात्रि, गुड फ्राइडे, आंबेडकर जयंती, रामनवमी पर बंद रहती थीं
दिल्ली सरकार ने अपनी नई आबकारी नीति के तहत मद्य निषेध दिवसों (ड्राई डे) की संख्या घटाने का नया फैसला 24 जनवरी से लागू कर दिया है। दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि लाइसेंस प्राप्त शराब की दुकानें और ‘ओपियम’ की दुकानें वर्ष में सिर्फ गणतंत्र दिवस (26 जनवरी), स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) और गांधी जयंती (2 अक्टूबर) को बंद रहेंगी। विभाग ने गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती को उन दिनों के रूप में सूचीबद्ध किया जब शराब की बिक्री की अनुमति नहीं होगी।
विभाग ने कहा, ‘‘दिल्ली आबकारी नियम, 2010 के नियम 52 के प्रावधानों के अनुसरण में, यह आदेश दिया जाता है कि राष्ट्रीय राजधानी परिक्षेत्र दिल्ली में वर्ष 2022 के दौरान आबकारी विभाग के सभी लाइसेंसधारियों और ओपियम की दुकानों द्वारा निम्नलिखित तिथियों को ‘ड्राई डे’ मनाया जाएगा।’’ आदेश में कहा गया है कि ‘ड्राई डे’ में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध एल-15 लाइसेंस वाले होटलों में लागू नहीं होगा।
इससे पहले, महान नेताओं की जयंती और धार्मिक त्योहारों सहित, ‘ड्राई डे’ की संख्या 21 थी, जिसमें मकर संक्रांति, शहीद दिवस, महावीर जयंती, गुरु नानक जयंती, महा शिवरात्रि, गुड फ्राइडे, आंबेडकर जयंती, रामनवमी आदि शामिल थी।
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मादक पेय उद्योग ने भी सराहना
उधर, मादक पेय उद्योग के एक शीर्ष निकाय (Apex Body of the Alcoholic Beverage Industry) ने दिल्ली सरकार के फैसले की सराहना की है। उसने कहा कि “विसंगति” को दूर किया गया है। कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन अल्कोहलिक बेवरेज कंपनीज (सीआईएबीसी) के महानिदेशक विनोद गिरि ने इस कदम का स्वागत किया। कहा, “यह वास्तव में बहुत ही स्वागत योग्य कदम है और अंतरराष्ट्रीय प्रकृति के आधुनिक शहर के अनुरूप है। दिल्ली में इतनी अधिक संख्या में मद्य निषेध दिवसों का कोई मतलब नहीं था, खासकर जब पड़ोसी राज्यों में ऐसी कोई सीमा नहीं है।’’
विपक्ष को रास नहीं आया फैसला
हालांकि विपक्षी दलों ने दिल्ली सरकार के इस फैसले की तीखी आलोचना की है। भारतीय जनता पार्टी एवं कांग्रेस ने कहा कि इस कदम का मकसद शहर में शराब की बिक्री को बढ़ावा देना है। शराब की बिक्री से राजस्व जरूर बढ़ता है, लेकिन साथ ही नशे में अपराध करने और महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं भी बढ़ती हैं। नशे की लत की वजह से समाज में लूटपाट और छिनैती जैसी हरकतें बढ़ जाती हैं।
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