भारतीय चुनाव आयोग का यह फैसला कई मायनों में अनूठा है। (Photo Source- Shekhar Yadav, EPS))
Election Commission: चुनाव आयोग दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के चुनावी महोत्सव को पूरा कराने में हमेशा लगा रहता है। कभी आम चुनाव होते हैं तो कभी राज्य सभा और कभी विधानसभाओं के चुनाव चलते रहते हैं। सवा अरब से ज्यादा आबादी वाले देश में यह काम कराना बहुत कठिन है।
भारतीय चुनाव आयोग (Indian Election Commission) ने पांच राज्यों में चल रहे विधानसभा के चुनावों के लिए सोमवार को रोड शो, पदयात्रा, वाहन रैलियों और जुलूसों (Roadshows, Padyatras, Vehicle Rallies and Pageantry) पर लगा प्रतिबंध 11 फरवरी तक बढ़ा दिया तथा घर-घर जाकर प्रचार करने वालों की संख्या को मौजूदा 10 से बढ़ाकर 20 कर दिया। इसने इसके साथ ही जनसभाओं (Public Meetings) में अधिकतम 1,000 लोगों के शामिल होने की अनुमति प्रदान कर दी।
: खास बातें :
आयोग ने घर-घर जाकर प्रचार अभियान के लिए भी सुरक्षाकर्मियों के अतिरिक्त 10 लोगों की जगह अब 20 लोगों को शामिल होने की अनुमति दी हैचुनाव आयोग की तरफ से जारी गाइडलाइन के अनुसार सभी राजनीतिक दल और चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य होगा
हिंदुस्तान में विभिन्न जाति, धर्म, वर्ग की विविधता (Diversity of Caste, Religion, Class) के साथ आर्थिक विषमता भी बहुत ज्यादा है। ऐसे में लोकतंत्र (Democracy) के इस पर्व का आयोजन बेहद चुनौती भरा है। इस बार के विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव आयोग ने कई अनूठे फैसले किए हैं। उसी में चुनावी रैलियों, रोड शो, जुलूसों आदि रोकने जैसे काम भी शामिल हैं। स्वतंत्र भारत में यह पहली बार है जब चुनावी जुलूसों पर प्रतिबंध लगाया गया है।
निर्वाचन आयोग में मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner) सुशील चंद्रा ने चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और अनूप चंद्र पांडे के साथ चुनावी राज्यों-गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड तथा उत्तर प्रदेश में कोविड-19 (Covid-19) की वर्तमान स्थिति की व्यापक समीक्षा की और संबंधित निर्णय लिया।
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आयोग ने एक बयान में कहा कि निर्णय लिया गया है कि 11 फरवरी, 2022 तक किसी भी रोड शो, पदयात्रा, और साइकिल/बाइक/वाहन रैलियों तथा जुलूस की अनुमति नहीं दी जाएगी।
बयान में कहा गया कि आयोग ने चुनाव के सभी चरणों के लिए एक फरवरी, 2022 से निर्दिष्ट खुले स्थानों पर राजनीतिक दलों या चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की जनसभाओं में मौजूदा संख्या 500 की जगह अधिकतम 1,000 या मैदान की क्षमता का 50 प्रतिशत, या एसडीएमए द्वारा निर्धारित सीमा के अनुसार, इनमें से जो भी कम हो, लोगों के शामिल होने की अनुमति देने का भी निर्णय लिया है। आयोग ने घर-घर जाकर प्रचार अभियान के लिए भी सुरक्षाकर्मियों के अतिरिक्त 10 लोगों की जगह अब 20 लोगों को शामिल होने की अनुमति दी है।
चुनाव आयोग की तरफ से जारी गाइडलाइन के अनुसार सभी राजनीतिक दल और चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य होगा। इसके अलावा डोर टू डोर कैंपेन (Door to Door Campaign) के दौरान पहले से जारी निर्देश लागू रहेंगे।
कोरोना महामारी का हवाला देते हुए चुनाव आयोग ने आठ जनवरी को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर के लिए मतदान कार्यक्रम की घोषणा के दौरान ही चुनाव रैली, जुलूस और रोड शो पर पहले 15 जनवरी, फिर 22 जनवरी तक प्रतिबंध लगा दिया था। बाद में इसे 31 जनवरी और अब 11 फरवरी तक बढ़ा दिया।
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