बिन्नानी परिवार ने वहां के प्राकृतिक सौंदर्य, पर्वतों, द्वारों, सीढ़ियों, गुफाओं को भी यहां बनाया है। इस झांकी का निर्माण कपड़े और कागज से किया गया है। हूबहू उस मंदिर की प्रतिकृति देखनी हो तो यह झांकी अनुपम है। यहां गणेश जी का विसर्जन भी नहीं किया जाता।