अपनी Immunity बढ़ानी है तो नारियल या बादाम का तेल भी लगाएं

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जी डी बिन्नाणी “राजा बाबू”
बीकानेर
gd_binani@yahoo.com
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अचानक देश के अनेक भागों से ‘कोरोना’ संक्रमितों की संख्या में इजाफा देख केन्द्र के साथ राज्य सरकारें भी हरकत में आ गयी हैं। विशेषज्ञ यह भी आशंका जता रहे हैं कि तीसरी लहर निकट भविष्य में दस्तक दे सकती है। इसी बीच भारत में अनेक किस्म के वेरिएंट के कुछ मामले सामने आये हैं, साथ ही साथ Nipah Virus से संक्रमित भी सामने आ रहे हैं, जिसने विशेषज्ञों को चिंता में डाल दिया है।

हालांकि सभी जगह कोरोना टीकाकरण यथावत चालू है और Nipah Virus को लेकर केंद्र ने राज्य को तत्काल सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की सलाह दी है। दोनों ही बीमारियों के मद्देनजर राज्य सरकारों ने सार्वजनिक भीड़ भाड़ रोकने हेतु मेलों व भीड़-भाड़ वाले आयोजनों पर रोक को सख्ती से पालन करवाने के लिये सभी अधिकारियों को सख्त हिदायत जारी कर दी है, क्योंकि इन दोनों ही बीमारियों में सामाजिक दूरी बनाए रखना चाहिये।

अब जब अन्वेषण करते हैं वापस ‘कोरोना’ संक्रमितों के सामने आने का, तब समझ में आता है कि जैसे ही सरकार ने ढील दी तो लोगों ने कोरोना के समय अपनाई सावधानियों को कुछ हद तक नजरअंदाज किया है – खासकर सामाजिक दूरी बनाये रखने के साथ साथ हाथों को संक्रमण मुक्त रखने में और बहुत लोग तो मास्क पहनते ही नहीं है।

इन सभी को लेकर अनेक विशेषज्ञों ने चेताया है कि यदि कोविड-उपयुक्त व्यवहार (Covid-Appropriate Behavior) का पालन करने में कोताही बरती गयी और भीड़-भाड़ को नियंत्रित नहीं किया गया तो अगले छह से आठ सप्ताह में वायरल संक्रमण की अगली लहर देश में दस्तक दे सकती है।

महामारी के प्रकोप से बचने का सबसे प्रभावी तरीका विश्व स्वास्थ्य संगठन ने नियमित रूप से साबुन और पानी से हाथों को साफ करना बताया है, लेकिन कहीं साबुन और पानी उपलब्ध न हो तो हाथ प्रक्षालक (Hand Sanitizer) का इस्तेमाल कर लेते हैं।

मुख्य बात यह है कि हाथ धोने से हम खुद को तो सुरक्षित करते ही हैं, साथ ही आसपास के लोगों को भी सुरक्षित रख पाते हैं, लेकिन साबुन से हाथ धोने की इस प्रक्रिया के कुछ दुष्प्रभाव भी हैं। जैसे-ज्यादा साबुन के इस्तेमाल से हाथ अधिक क्षारीय हो जाते हैं व त्वचा रूखी हो जाती है। यह भी ध्यान देना है कि ज्यादा गर्म पानी के उपयोग से भी बचना है, क्योंकि त्वचा की नमी को नुकसान होने की पूरी आशंका हो जाती है।

इन सबको देखते हुए हम स्वयं अपने को ज्यादा से ज्यादा कैसे सुरक्षित कर सकते हैं यह समझना आवश्यक है। इसलिये आप सभी के ध्यान में लाना चाहता हूं कि आज इतने महीनों तक हमने अनेक विशेषज्ञों की कोरोना पर सलाह को टेलीविजन पर सुना व अखबारों में भी पढ़ कर समझा है, इसके अलावा अनेक वे लोग जो क्वारंटाइन से मुक्त हुये उनके अनुभव भी सुनें।

इसका निष्कर्ष यही समझ में आया कि जिसकी “Immunity” (शरीर की स्वयं रोगों से लड़ने की ताकत/रोग प्रतिरोधक शक्ति) अच्छी होगी / मजबूत होगी, उसे हर प्रकार के रोग से लड़ने में मदद मिलेगी। जिसका सीधा अर्थ यही है कि हर प्रकार की बीमारी से लड़ने में रोग प्रतिरोधक क्षमता निर्णायक भूमिका निभाती है।

इसलिये हमें अपना ब्लड प्रेशर व वजन को संतुलित रखने के लिए विशेषज्ञों के राय अनुसार हर दिन व्यायाम व योगासन करते रहना चाहिये, क्योंकि यह रोग प्रतिरोधक क्षमता आहार, व्यायाम, उम्र, मानसिक तनाव जैसे अनेक कारणों पर निर्भर करती है। हां एक तथ्य और है उसका भी ध्यान देना है वह है नींद, क्योंकि आरामदायक गहरी पूरी नींद हमेशा उपरोक्त वर्णित सभी कृत्य में बहुत ही सहायक रहेगी।

कृपा कर यह भी समझ लें कि कोई उपचार या कोई दवा तभी असर करती है, जब शरीर की Immunity अच्छी होती है यानि मजबूत होती है। इसका सीधा सीधा मतलब यही है कि किसी भी तरह की बीमारी से निजात पाने के लिये इम्यूनिटी को बेहतर रखना हमारे स्वयं के हित में है। अब प्रश्न यह उठता है कि जब “Immunity” (शरीर की स्वयं रोगों से लड़ने की ताकत / रोग प्रतिरोधक शक्ति) ही हर तरह के दुर्लभ बीमारियों तक की दवाई है, तो क्यों न हम अपना सारा ध्यान अपनी इम्युनिटी बढ़ाने पर दें ।

आजकल देखा गया है कि सभी हाथ स्वच्छक (Sanitizer) का बहुत ज्यादा उपयोग करने लगे हैं, जबकि इसके दुष्परिणाम भी हैं-जैसे-हाथ गंदे हैं तो यह जीवाणु को मारने में कम प्रभावशाली रहेगा, अथवा उन जीवाणु को भी मार देता है जो शरीर के लिए लाभदायक होते हैं। यकृत, गुर्दे, फेफड़े तथा प्रजनन तंत्र को भी नुकसान पहुंचाते हैं।

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कुछ अनुसन्धान के अनुसार इसका ज्यादा प्रयोग बच्चों की प्रतिरोधकता को भी घटाता है। इसलिए, विशेषज्ञ की राय यही है कि हर बार हाथ धोने के बाद नारियल या बादाम के तेल को हाथ पर लगा लें और दस्तानों को पहन लें।

लेकिन अब उपरोक्त वर्णित के अलावा, यहां तीसरी लहर को लेकर आप सभी प्रबुद्ध पाठकों से कुछ निवेदन करना चाहूंगा, जिस पर सभी वैज्ञानिक तो एकमत हैं ही और सभी विशेषज्ञ हम सबसे निवेदन भी कर रहे हैं। जो निम्न हैंं –

आप को “2 गज की दूरी, मास्क है जरूरी” का पालन हर हालत में करते रहना है क्योंकि आप अपनी मजबूत इम्यूनिटी के चलते दूसरों को तो संक्रमित कर ही सकते हैं। इसलिये किसी भी हालत में बिल्कुल भी लापरवाही न बरतें।

The Center for Media Analysis and Research Group (CMARG) is a center aimed at conducting in-depth studies and research on socio-political, national-international, environmental issues. It provides readers with in-depth knowledge of burning issues and encourages them to think deeply about them. On this platform, we will also give opportunities to the budding, bright and talented students to research and explore new avenues.

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