Bada Mangal 2025: हनुमान जी को कलियुग का सबसे सशक्त देवता माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वे आज भी धरती पर विद्यमान हैं और अपने भक्तों की पुकार को तुरंत सुनते हैं। वैसे तो हर मंगलवार का दिन बजरंगबली की भक्ति के लिए विशेष माना गया है, लेकिन ज्येष्ठ मास में पड़ने वाले मंगलवारों को लेकर श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह रहता है। यही कारण है कि उत्तर भारत, विशेषकर उत्तर प्रदेश में इसे बड़ा मंगल या बुढ़वा मंगल के नाम से भी जाना जाता है।
Bada Mangal 2025: क्यों खास होता है बड़ा मंगल?
पौराणिक मान्यता के अनुसार, ज्येष्ठ महीने के मंगलवार को ही हनुमान जी की पहली बार भगवान श्रीराम से भेंट हुई थी। इस ऐतिहासिक मिलन की स्मृति में हर साल ज्येष्ठ के मंगलवारों को विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इस दिन हनुमान जी की भक्ति सच्चे मन और श्रद्धा से की जाए, तो जीवन में आ रही सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं और व्यक्ति को मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक शांति प्राप्त होती है।
Bada Mangal 2025: कब है दूसरा बड़ा मंगल?
वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास का दूसरा बड़ा मंगल इस वर्ष 20 मई 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन मंगल की शुरुआत सुबह 5:51 बजे से होगी और तिथि का समापन अगले दिन 21 मई को सुबह 4:55 बजे होगा। उदया तिथि के अनुसार पूजा और अनुष्ठान 20 मई को ही किए जाएंगे।
क्या करें इस दिन — सरल उपाय
1. मंगल दोष से मुक्ति: अगर आपकी कुंडली में मंगल दोष है या आप मांगलिक हैं, तो इस दिन विशेष उपाय किए जा सकते हैं। मिट्टी से बनी वस्तुओं का दान करना, जैसे घड़ा, मिट्टी की हांडी या दीपक, शुभ माना जाता है। यह उपाय ग्रहों की उग्रता को शांत करता है और वैवाहिक जीवन की बाधाएं दूर करता है।
2. मानसिक और पारिवारिक शांति के लिए: इस दिन हनुमान मंदिर में जाकर चमेली का तेल, सिंदूर, और लाल चोला चढ़ाने से मानसिक तनाव कम होता है। हनुमान जी को यह चढ़ावा चढ़ाते समय “ॐ हनुमते नमः” मंत्र का जाप करें। यह क्रिया मानसिक बल को बढ़ाती है और घर के क्लेश दूर करती है।
3. दुश्मनों से छुटकारा: यदि आपके जीवन में कोई शत्रु या विरोधी है, तो इस दिन हनुमान जी से रक्षा की प्रार्थना करें। मान्यता है कि इस दिन की गई पूजा से शत्रु शांत होते हैं और संकट टलते हैं। हनुमान जी अपने भक्तों की रक्षा के लिए अदृश्य रूप में कवच प्रदान करते हैं।
4. मनोकामना पूर्ति के लिए: यदि आपकी कोई इच्छा लंबे समय से अधूरी है, तो सरसों के तेल का दीपक, 18 लौंग की माला, और मीठा पान लेकर मंदिर जाएं। हनुमान जी को दीपक और माला अर्पित करें, पान का भोग लगाएं और श्रद्धा से हनुमान चालीसा का पाठ करें। विश्वास किया जाता है कि ऐसा करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
भक्ति में भाव ही सबसे बड़ा
बड़ा मंगल का दिन केवल अनुष्ठान का नहीं, मन की श्रद्धा का पर्व है। इस दिन केवल मंदिर जाकर पूजा करना ही पर्याप्त नहीं, बल्कि जरूरतमंदों की मदद करना, बुजुर्गों को भोजन कराना, और गरीबों को वस्त्र दान करना भी पुण्यकारी माना गया है। ऐसा करना हनुमान जी की सेवा के समान माना जाता है।
ज्येष्ठ मास और हनुमान जी की कृपा
ज्येष्ठ महीने की गर्मी और तपन के बीच जब भक्त हनुमान मंदिरों में जाकर आस्था की ठंडी छांव पाते हैं, तब लगता है जैसे भक्ति ही सबसे बड़ी राहत है। हनुमान जी का स्मरण, उनका नाम जप और सच्चे मन से की गई प्रार्थना ही भक्त और भगवान के बीच सेतु बनाती है। माना जाता है कि इस दिन भगवान की आराधना करने से सभी दुख और बाधाएं दूर हो जाती हैं तथा जीवन में सफलताएं मिलने लगती हैं।

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