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AYUSH Treatment, Medical Science

AYUSH: इलाज का देसी और कारगर तरीका

भारत में प्राचीन काल से ही जड़ी बूटियों और प्राकृतिक औषधियों से लोगों का इलाज होते आया है। बड़े से बड़ा शासक केवल अपने बीमारी का इलाज करवाने भारत आता था।

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Covid-19, corona virus, corruption

देश में लोकतंत्र है, लेकिन जनसेवकों के लिए

इससे तो अच्छा था कि देश में कोई तानाशाह आ जाए। ऐसे लोकतंत्र से दुनिया आजिज आ गई है। राजनेता खुद को जनसेवक बताते हैं, लेकिन वे रहते हैं आसमान पर और जनता, जो उनकी मालिक है, वह सड़क पर रहती है।

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धरती नापी, सागर छाना, चूम लिया आकाश, अब असहाय

इतिहास खुद को दोहराता है। शायद कोरोना का उद्भव इसीलिए हुआ कि हम अब फिर से पुराने और जंगली अरण्य काल में पहुंच जाएं। जहां न हथियारों का भय रहेगा और न ही पर्यावरण प्रदूषण का खतरा ही होगा।

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Traditional Transport, Old transport

धरोहर: जीवन की गाड़ी खींचने वाली बैलगाड़ी हुई दूर

बैलगाड़ी से ही मनुष्य ने एक कोने से दूसरे कोने तक की यात्राएं कीं। राजमहलों, किलों और भवनों को बनाने के लिए निर्माण सामग्री बैलगाड़ी से ही ले जाए गए। लेकिन विरासत के ये अनमोल धरोहर अब विलुप्त होने की कगार पर हैं।

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Bifurcation of Bengal

सौहार्द का तारीखी हर्फ बंगाल

भारत के इतिहास में बंगाल सिर्फ एक प्रांत का नाम नहीं है बल्कि यह लंबे समय से इस देश की सांस्कृतिक बहुलता और प्रखरता का बेहतरीन उदाहरण भी रहा है। बंग-भंग के विरोध का आंदोलनकारी फैसला दुनिया के इतिहास में अनूठा फैसला है जिसमें सौहार्द की सांस्कृतिक सामासिकता की हिफाजत की गहरी फिक्र दिखाई पड़ती है। आज जब सामाजिक दुराव और सांप्रदायिक कटुता का संकट नए सिरे से देश के सामने है तो बंगाल के इतिहास के पुराने पन्नों को फिर से पलटना चाहिए।

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