दिल्ली के सरकारी स्कूलों में इस समय प्रवेश कार्य शुरू हो गया है। (PHOTO Source: DRAGREX)
दिल्ली में देशभर के लोग रह रहे हैं। इससे दिल्ली में आबादी की भीड़ बहुत ज्यादा है। इस भीड़ में बच्चों की शिक्षा-दीक्षा की व्यवस्था कर पानी काफी कठिन और महंगा है। प्राइवेट स्कूलों की फीस काफी अधिक है। इसलिए लोगों को अब सरकारी स्कूलों की तरफ झुकाव तेजी से हो रहा है। इस बीच कई लोग अपने बच्चों के नाम प्राइवेट स्कूलों से कटाकर सरकारी स्कूलों में एडमिशन करवा रहे हैं, लेकिन प्राइवेट स्कूल वाले अपना हित देखते हुए टीसी देने में टालमटोल कर रहे हैं
इसकी शिकायत पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री ने कड़ा रुख दिखाया। उन्होंने साफ किया कि सरकारी स्कूल वाले बिना टीसी के बच्चों को एडमिशन दें। सरकार के स्कूलों में अब किसी भी छात्र का एडमिशन ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) के अभाव की वजह से नहीं रुकेगा। गुरुवार को उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि दिल्ली का कोई भी बच्चा निजी स्कूल से निकलकर सरकारी स्कूल में दाखिला लेना चाहता है तो उस बच्चे की टीसी की आवश्यकता नहीं है। ऐसे बच्चे को स्कूल एडमिशन के लिए मना नहीं कर सकते।
सरकार के इस फैसले से अभिभावकों को काफी राहत होगी। मनीष सिसोदिया ने बताया कि शिकायत आ रही है कि बहुत सारे निजी स्कूल बच्चों को टीसी नहीं दे रहे हैं और बच्चों से एक साल की फीस की मांग कर रहे है। इस वजह से बड़ी संख्या में अभिभावक अपने बच्चों को निजी स्कूल से निकालकर सरकारी स्कूल में एडमिशन नहीं दिला पा रहे। ऐसी शिकायत मिलने के बाद इस बाबत तुरंत संज्ञान लिया गया है।
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मामले में सरकार ने शिक्षा निदेशालय को निर्देश दिया है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में टीसी के अभाव में किसी भी छात्र का एडमिशन नहीं रोका जाएगा। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यदि स्कूल टीसी देने से मना कर रहा है तो बाकी कागजात के आधार पर भी बच्चे सरकारी स्कूलों में दाखिला ले सकते है। उपमुख्यमंत्री ने अभिभावकों को आश्वासन देते हुए कहा कि अभिभावक चिंता न करे बच्चों के पिछले स्कूल से टीसी लाने का काम शिक्षा निदेशालय स्वयं करेगा।
दिल्ली के स्कूलों मेंं दाखिले की प्रक्रिया शुरू होने के बाद अब तक दिल्ली सरकार के पास 28 हजार आवेदन आए हैं। इन आवेदन में नर्सरी, केजी और पहली कक्षा के बच्चे शामिल है। इसके लिए आखिरी तिथि तक 28,000 आवेदन मिले है। मनीष सिसोदिया ने बताया कि इसी प्रकार कक्षा 6 से 12वीं तक के लिए (11वीं छोड़कर) के लिए 90,000 आवेदन आ चुके हैं। इन आवेदन के लिए स्कूल आबंटन की प्रक्रिया चल रही है।
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