Cyrus Mistry: जिनको TATA ने कहा था ‘रतन’, लेकिन फैसलों से बिगड़े रिश्ते

Cyrus Mistry Passed Away in Road Accident: टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन और देश के बड़े उद्योगपतियों में से एक साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) का रविवार (4 सितंबर) को महाराष्ट्र के पालघर में एक सड़क दुर्घटना में 54 वर्ष की आयु में निधन हो गया। शापूरजी पलोनजी (Shapoorji Pallonji) समूह के मालिक और टाटा समूह के सबसे बड़े शेयरहोल्डर पलोनजी मिस्त्री के छोटे बेटे साइरस को 2012 में टाटा संस का छठा चेयरमैन नियुक्त किया गया था। वह समूह का नेतृत्व करने के लिए टाटा परिवार के बाहर के दूसरे व्यक्ति थे।

यह अजीब संयोग है कि 2012 में जिस वक्त साइरस मिस्त्री को टाटा ग्रुप का चेयरमैन नियुक्त किया गया था, उस वक्त स्वयं रतन टाटा ने उनकी काफी तारीफ करते हुए उद्योग जगत के लिए उन्हें एक रतन कहा था। खुद टाटा ने कहा था, “साइरस अगस्त 2006 से ही टाटा संस के बोर्ड में रहे हैं और मैं उनकी गुणवत्ता, उनकी दक्ष समझ और विनम्रता से काफी प्रभावित रहा हूं। वे दी गई जिम्मेदारियों को निभाने के लिए समझदार और योग्य व्यक्तित्व हैं। मैं अगले कुछ साल उनके साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हूं, जिससे उन्हें एक्सपोजर में मदद मिलेगी। इससे मेरे रिटायरमेंट के बाद उन्हें पूरी जिम्मेदारी उठाने में मदद मिलेगी।”

शापूरजी पलोनजी समूह के उत्तराधिकारी मिस्त्री वर्ष 2012 में जब 44 साल की उम्र में टाटा संस के चेयरमैन बनाए गए तो वह शापूरजी पलोनजी ग्रुप की कंपनियों की अगुवाई कर रहे थे। इतनी कम उम्र में उन्होंने 100 अरब डॉलर से अधिक कारोबार वाले टाटा समूह के मुखिया के तौर पर रतन टाटा जैसे दिग्गज की जगह ली थी।

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Cyrus Mistry And Ratan Tata Business Relation: शापूरजी पलोनजी समूह के उत्तराधिकारी साइरस मिस्त्री के साथ टाटा संस के चेयरमैन रतन टाटा। (File photo, source: PTI)

लेकिन सिर्फ चार साल बाद 24 अक्टूबर 2016 को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटा दिया गया था और बाद में 6 फरवरी, 2017 को होल्डिंग कंपनी के बोर्ड में निदेशक के रूप में भी हटा दिया गया था। तब कहा गया था कि सायरस के कुछ फैसलों ने रतन टाटा को वापस ग्रुप का नेतृत्व करने के लिए लौटने पर मजबूर कर दिया। साइरस मिस्त्री ने चेयरमैन पद से अपनी बर्खास्तगी को अदालत में चुनौती भी दी थी। नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) से उनके पक्ष में फैसला भी हुआ था।

जन्म से आयरिश नागरिक और शापूरजी पलोनजी समूह के उत्तराधिकारी मिस्त्री वर्ष 2012 में जब 44 साल की उम्र में टाटा संस के चेयरमैन बनाए गए तो वह शापूरजी पलोनजी ग्रुप की कंपनियों की अगुवाई कर रहे थे। इतनी कम उम्र में उन्होंने 100 अरब डॉलर से अधिक कारोबार वाले टाटा समूह के मुखिया के तौर पर रतन टाटा जैसे दिग्गज की जगह ली थी।

खास बातें :
मिस्त्री वर्ष 2012 में 44 साल की उम्र में टाटा संस के चेयरमैन बनाए गए थे। इतनी कम उम्र में उन्होंने 100 अरब डॉलर से अधिक कारोबार वाले टाटा समूह के मुखिया के तौर पर रतन टाटा जैसे दिग्गज की जगह ली थी।

अभी यह तय होना है कि अब उनका कारोबार कौन देखेगा। परिवार में पत्नी रोहिका छागला और दो बेटों फिरोज मिस्त्री और जहान मिस्त्री हैं। सायरस मिस्त्री अपने पीछे 70 हजार करोड़ से अधिक की संपत्ति छोड़ गए हैं।

टाटा और मिस्त्री दोनों ही परिवारों के बीच रिश्ते सिर्फ औद्योगिक स्तर पर ही नहीं थे, बल्कि यह रिश्ते पारिवारिक भी रहे। माना जाता है कि शपूरजी-पलोनजी ग्रुप ने टाटा संस में तब शेयर हासिल किए थे, जब 1930 के दशक में टाटा ने एफई दिनशॉ एंड कंपनी को खरीदा था। हालांकि, टाटा कंपनी का कहना है कि मिस्त्री परिवार के पास 1965 तक टाटा के कोई शेयर नहीं थे।

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मिस्त्री का कारोबार कंस्ट्रक्शन, इंजीनियरिंग, रियल एस्टेट समेत कई और बिजनस में फैला हुआ है। मिस्त्री परिवार के कारोबार में शापूरजी पालोनजी इंजीनियरिंग ऐंड कंस्ट्रक्शन, एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर, फोर्ब्स टेक्सटाइल्स, गोकक टेक्सटाइल्स, यूरेका फोर्ब्स, फोर्ब्स ऐंड कंपनी, एसपी कंस्ट्रक्शन मटीरियल ग्रुप, एसपी रियल एस्टेट और नेक्स्ट जेन जैसी कई कंपनियां शामिल हैं।

साइरस मिस्त्री की मौत उनके प्रभावशाली परिवार के लिए कुछ महीने के भीतर ही दूसरा बड़ा झटका है। उनके पिता और दिग्गज उद्योगपति शापूरजी पलोनजी शापूरजी का करीब दो महीने पहले ही निधन हो गया था।

सायरस मिस्त्री के निधन से उनके घरेलू कारोबार के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है। अभी यह तय होना है कि अब उनका कारोबार कौन देखेगा। उनके परिवार में पत्नी रोहिका छागला और दो बेटों फिरोज मिस्त्री और जहान मिस्त्री हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक सायरस मिस्त्री अपने पीछे 70 हजार करोड़ से अधिक की संपत्ति छोड़ गए हैं।

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