बेंगलुरु में रात में मूसलाधार बारिश से पूरी सड़क तालाब बन गई। (Photo- The new indian express)
भारी बारिश से बेहाल महाराष्ट्र और गोवा को आने वाले दिनों में राहत मिलने की उम्मीद है क्योंकि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि देश के पश्चिमी तटीय इलाकों में मानसून के कमजोर पड़ने की संभावना है। आईएमडी ने हालांकि मध्य प्रदेश के 24 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। हालांकि मौसम विभाग का अनुमान भी संभावनाओं के साथ ही खेलता है। कहीं सही होता है तो कहीं सही होते-होते रह जाता है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले तीन दिनों में महाराष्ट्र के पुणे और कोंकण संभाग में हुई मूसलाधार बारिश और कुछ इलाकों में हुए भूस्खलन के कारण मरने वालों की संख्या सौ से ऊपर हो गई। इसमें 52 लोगों की मौत तटीय रायगढ़ जिले में हुई है। इसके अलावा, कर्नाटक में भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति पैदा होने और भूस्खलन की वजह से नौ लोगों की मौत हो गई है, जबकि तीन लोग लापता हैं। मध्य प्रदेश में बिजली गिरने की चार घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो गयी और 18 अन्य घायल हो गए।
आईएमडी के मुताबिक गुजरात में 27 जुलाई तक मानसून काफी सक्रिय रहने वाला है, जिसके परिणामस्वरूप कई इलाकों में हल्की से मध्यम स्तर की बारिश हो सकती है जबकि राज्य के कुछ हिस्सों में भारी से अत्यधिक भारी बारिश होने की आशंका है। गोवा में एक ट्रेन के पटरी से उतरने के अलावा गोवा-कर्नाटक सीमा पर भूस्खलन की दो घटनाओं के एक दिन बाद दक्षिण पश्चिम रेलवे (एसडब्ल्यूआर) मार्ग पर यातायात प्रभावित रहा।
इस बीच, देश के उत्तरी हिस्सों में दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में तापमान सामान्य के आस-पास ही रहा, जबकि उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ हिस्सों में दिन में हल्की से मध्यम बारिश हुई।
आईएमडी ने कहा कि 27-28 जुलाई के दौरान हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और पश्चिम उत्तर प्रदेश में भारी बारिश होने की उम्मीद है जबकि 27 और 28 जुलाई को पंजाब और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बारिश होने की संभावना है। 27 और 28 जुलाई को हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी भारी बारिश की संभावना है।
महाराष्ट्र में, 1,35,313 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, जिसमें सांगली जिले में 78,111 और कोल्हापुर जिले में 40,882 लोग शामिल हैं। सांगली में कृष्णा नदी और कोल्हापुर में पंचगंगा नदी में बाढ़ आ गयी है। रायगढ़ जिले के तलाई गांव में हुए भूस्खलन की जगह से अब तक 41 शव बरामद किए गए हैं। कुछ लोग अभी भी लापता हैं।
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कर्नाटक में निचले इलाकों से 31,360 लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, जबकि 22,417 लोग 237 राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 45 तालुकों के 283 गांवों में बारिश हुई है, जिससे 36,498 की आबादी प्रभावित हुई है।
आईएमडी के मुताबिक मध्य प्रदेश के जबलपुर, रीवा, सतना, अनूपपुर, उमराई, डिंडोरी, कटनी, नरंसिंहपुर, मंडला, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, विदिशा, सीहोर,राजगढ़, बैतूल, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, धार, देवास, आगर मालवा, अशोक नगर और शिवपुरी जिले में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा और गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं।
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