सेवाधाम आश्रम उज्जैन में आयोजित समारोह में विक्रमादित्य राष्ट्र विभूति सम्मान से अलंकृत होने के बाद बोलते आचार्य बालकृष्ण।
हिन्दू संस्कृति में सेवा से बड़ा कोई कार्य नहीं है और यह सेवाधाम आश्रम में हो रहा है, उज्जैन स्थित मानव सेवा तीर्थ ‘अंकित ग्राम’ सेवाधाम आश्रम सेवा करने वाली संस्थाओं का ट्रेनिंग सेंटर बन सकता है, सेवा की अद्भूत मिसाल कायम करने वाले इस आश्रम में दीन-दुखियों की जो सेवा हो रही है, उसकी कल्पना आसान नहीं है, अपना सारा जीवन मानवता की सेवा के लिए अर्पित करना बहुत बड़ा तप है। सेवाधाम आश्रम में पीड़ित-शोषित और समाज से ठुकराए लोगों की निस्वार्थ सेवा हो रही है। यह सबसे बड़ा पुण्य कार्य है। इस तरह की परम्पराएं आगे भी जारी रहनी चाहिए। इस देश को हजारों सुधीर भाई जैसे लोगों की आवश्यकता है। सुधीर भाई जीवन त्यागकर भी सेवाधाम आश्रम की चौकीदारी करना चाहते है, इससे बड़ी कोई बात नहीं हो सकती है।
ये बातें सेवाधाम आश्रम के मंच से योग और आयुर्वेद को विश्व में पहुंचाने वाले विश्व वंद्य वनस्पति विज्ञानी, पतंजलि योगपीठ, हरिद्वार के संस्थापक-सचिव आचार्य बालकृष्ण ने कहीं। उन्होंने कहा कि सुधीर भाई सेवा नहीं कर रहे है बल्कि उनके मन में पीड़ितों का जो दर्द है, पीड़ा है उस दर्द को, उस पीड़ा का उपचार कर रहे है, ऐसा ही दर्द हम सबके दिल में होना चाहिए। कहा आज परिवार में बीमार व्यक्ति को तिरस्कृत कर दिया जाता है, लेकिन 700 से ज्यादा लोगों, जिनमें अधिकतर बिस्तर पर हैं, उनकी सेवा का जो कार्य यहां हो रहा है, वह अकल्पनीय है। इससे बड़ा आश्चर्य यह है कि सेवा करने वाला खुद थक नहीं रहा है। सुधीर भाई जैसे लोग इतिहास रचते हैं, आने वाले वर्षों में सेवाधाम मिसाल बनेगा।
: खास बातें :
कहा कि मानव सेवा तीर्थ ‘अंकित ग्राम’ सेवाधाम का यह स्वरूप ऐसे ही नहीं बना, बल्कि इसके लिए सुधीर भाई ने न जाने कितनी रातें आंखों में आंंसू लेकर गुजारी होगी। इसका अनुभव कठिन है।
आश्रम में रह रहे 700 से ज्यादा लोगों के लिए 12 वर्षों तक अनाज उपलब्ध कराएगा पतंजलि योगपीठ हरिद्वार, विक्रमादित्य राष्ट्र विभूति सम्मान से अलंकृत होने के बाद आचार्य बालकृष्ण ने अपना संकल्प बताया।
उन्होंने बताया कि उनके गुरु ने बनारस में एक वृद्ध के शरीर में पड़े कीड़े निकाले, तब मन नहीं करता था कि गुरुदेव का साथ दूं, लेकिन चार पांच दिन बाद मन में सेवा का भाव जागृत हुआ। ऐसा ही भाव हर व्यक्ति के दिल में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सेवाधाम का यह स्वरूप ऐसे ही नहीं बना, बल्कि इसके लिए सुधीर भाई ने न जाने कितनी रातें, आंखों में आंसू लेकर गुजारी होगी, इसका अनुभव करना बेहद कठिन कार्य है।
कहा कि आज देश में षड़यंत्र करके चोर और समाज के विपरीत कार्य करने वाले साधू को अपराधी के रूप में दिखाया जाता है, जबकि दूसरे धर्म के लोगों को इस तरह बताया जाता है, मानो वह मानव सेवा के पर्याय हो। साधु की छवि मानव सेवा के विपरीत दिखाने का जो षड़यंत्र देश में चल रहा है, वह ठीक नही है। सेवाधाम ने इस मिथक को भी तोड़ा है, सुधीर भाई ने पूरी दुनिया को अपना माना है, और सेवा करने में थकते नही हैं। सुधीर भाई पूरे देश में सेवा की परम्परा के संवाहक है।
विक्रमादित्य राष्ट्र विभूति सम्मान से अलंकृत हुए आचार्य बालकृष्ण
इस अवसर पर ‘अंकित ग्राम’, सेवाधाम आश्रम में आचार्य बालकृष्ण को विक्रमादित्य राष्ट्र विभूति सम्मान से अलंकृत किया गया, सम्मान पत्र के साथ उन्हें सम्राट विक्रमादित्य की विशाल प्रतिमा भी भेंट की गई। यह सम्मान मंच पर मौजूद विद्वतजन की उपस्थिति में दिया गया। इस गरिमामयी आयोजन में उज्जैन के विद्वत सभा में वरिष्ठ पत्रकार, चिंतक एवं जन दक्षेस के संस्थापक-अध्यक्ष डॉ. वेद प्रताप वैदिक की अध्यक्षता में मौजूद पूर्व मंत्री पारस चन्द्र जैन, उद्योगपति पवन सिंघानिया, विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय, जखनी के जलयोद्धा उमाशंकर पांडेय, मणीन्द्र जैन, कार्यकारी अध्यक्ष जैन इंटरनेशनल आर्गेनाईजेशन दिल्ली, पारस जैन, पूर्व नगर निगम अध्यक्ष प्रकाश चित्तोड़ा आदि मौजूद रहे।
अध्यक्षयीय उद्बोधन में चिंतक, पत्रकार और लेखक डॉ. वेद प्रताप वैदिक ने कहा कि बड़े बड़े बादशाहों, नेताओं, मंत्रियों ने जो नहीं किया, वह काम सेवाधाम कर रहा है। आचार्य बालकृष्ण ने आयुर्वेद की प्रतिष्ठा का डंका पूरे विश्व में बजाया है। स्वागत भाषण में सेवाधाम के संस्थापक सुधीर भाई गोयल ने कहा कि 30 साल से भी ज्यादा का श्रम है, अनेक संघर्षों के बाद आज सेवाधाम का यह रूप सामने है। सेवाधाम में सिर्फ मेरा पुरुषार्थ नहीं, बल्कि सैकड़ों लोगों का सहयोग मिला है। योग गुरु बाबा रामदेव जैसे संतों ने इस आंगन को पवित्र किया है।
अनेक प्रकल्पों की आचार्य बालकृष्ण ने की शुरुआत
आचार्य बालकृष्ण ने आश्रम का दो घंटे अवलोकन किया एवं विभिन्न प्रकल्पों में जाकर आश्रम में निवासरतों से आत्मीय मुलाकात की और उनके दुःख दर्द में शामिल हुए। आपने आचार्य बालकृष्ण हर्बल उद्यान का विधिवत शुभारंभ करते हुए औषधीय पौधे रोपें। इसके साथ ही प्रधानमंत्री की मन की बात के अनुरूप खेत पर मेड़, मेड़ पर पेड़ को साकार करते हुए मेड़ पर पेड़ लगाए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशानुरूप सतगुरु जीवन उन्नयन कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर 5 कुपोषित बच्चों को परिवार सहित अपनाया। आश्रम के विशेष बच्चों के लिए आधुनिक स्मार्ट क्लॉस का शुभारम्भ भी किया। साथ ही 100 चिकित्सकीय पलंग के साथ फिजियोथैरेपी सेंटर का अवलोकन किया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में मन मोहा
मंच पर सेवाधाम आश्रम के बच्चो ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए, दृष्टिबाधित भोली अग्रवाल ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया, विशेष बच्चों ने भगवान विष्णु के दशावतार के नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया, अनाम प्रेम मुम्बई की मिताली प्रभूणे एवं स्पंदना तेली ने सरस्वती वंदना का गायन किया। लेखक एवं वरिष्ठ पत्रकार तिल्लन रिछारिया, अनाम प्रेम की मिनल कातरनिकर एवं दिल्ली से पधारे लोकेश शर्मा ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। संस्थापक-संचालक सुधीर भाई ने सेवाधाम के बारे में संक्षिप्त परिचय दिया। जलग्राम जखनी जलयोद्धा उमाशंकर पांडेय ने आभार जताया।
The Center for Media Analysis and Research Group (CMARG) is a center aimed at conducting in-depth studies and research on socio-political, national-international, environmental issues. It provides readers with in-depth knowledge of burning issues and encourages them to think deeply about them. On this platform, we will also give opportunities to the budding, bright and talented students to research and explore new avenues.