English News

  • youtube
  • facebook
  • twitter

मेड़बंदी यज्ञ अभियान यात्रा: ओरन से सेवाधाम तक जलयोद्धाओं का ‘जलदार’ मुहिम

उज्जैन स्थित सेवा धाम आश्रम में यात्रा के पहुंचने पर आचार्य बालकृष्ण उद्यान में खेत में मेड़बंदी कर पौधरोपण किया गया।

देश में जलक्रांति लाने और जल संरक्षण करने के लिए तमाम तरह के प्रयास और मुहिम जारी है। इस बीच बुंदेलखंड क्षेत्र के सूखाग्रस्त पठार में तालाबों की शृंखला बनाने और जहां खेती हो पाने की दूर-दूर तक संभावना नहीं थी, वहां ‘खेत में मेड़, मेड़ पर पेड़’ विधि से जल संरक्षण कर अनाज उपजाने और दूसरे राज्यों को निर्यात करने जैसी सफलता के बाद पिछले मई महीने में देशभर के लोगों को जागरूक करने की पहल शुरू की गई।

इसी के तहत 75 दिवसीय मेड़बंदी यज्ञ अभियान यात्रा निकाली गई थी। यह यात्रा कई राज्यों के शहरों और गांवों में लोगों को जागरूक करते हुए 680 किमी दूर उज्जैन के बिल्केश्वर महादेव गंभीर डैम स्थित सेवा धाम आश्रम में 28 जुलाई को पूरी हुई। इस यात्रा की शुरुआत 15 मई को ओरन बांदा से उत्तर प्रदेश सरकार के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, जल शक्ति राज्यमंत्री रामकेश निषाद, सेवा धाम आश्रम के संस्थापक सुधीर भाई, आयुक्त चित्रकूट धाम दिनेश कुमार सिंह, जिलाधिकारी बांदा अनुराग पटेल ने बुंदेलखंड के जल योद्धाओं और सैकड़ों किसानों की उपस्थिति में झंडी दिखाकर रवाना किया था।

Medbandi Yagya Abhiyaan Yaatra, Jalyoddha, jakhani, Sewa Dham Ujjain
यात्रा के समापन पर सेवाधाम के अंकित ग्राम में आयोजित कार्यक्रम में बोलते जलयोद्धा उमाशंकर पांडेय।

यह यात्रा उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के जिलों के सूखा प्रभावित क्षेत्रों से होती हुई उज्जैन तक गई। यात्रा के दौरान जो भी जहां मिला उसे जल संरक्षण के बारे में खेत पर मेड़, मेड़ पर पेड़ के विषय में जानकारी दी गई और जागरूक किया गया। जलयोद्धाओं ने रास्ते भर लोगों को बताया कि कैसे वर्षा जल को सामुदायिक सहयोग के आधार पर बिना सरकार की सहायता लिए पुरखों की सबसे प्राचीन प्रमाणित विधि के माध्यम से संरक्षित किया गया। यह भी अचरज की बात है कि किसी से एक पैसा और तकनीकी जानकारी लिए बिना सूखाग्रस्त बुंदेलखंड को जलदार बना दिया गया।

उज्जैन के सेवाधाम आश्रम में यात्रा के समापन के मौके पर मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार और दैनिक नई दुनिया के छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के संपादक सद्गुरु शरण अवस्थी कहा, मेड़बंदी जल संरक्षण की सबसे प्राचीन विधि है, जो सुलभ है, स्थायी है, टिकाऊ है और अच्छे परिणाम देने वाली है।”

: खास बातें :
75 दिवसीय मेड़बंदी यज्ञ अभियान यात्रा कई राज्यों के शहरों और गांवों में लोगों को जागरूक करते हुए 680 किमी दूर उज्जैन के बिल्केश्वर महादेव गंभीर डैम स्थित सेवा धाम आश्रम में 28 जुलाई को पूरी हुई।  

सेवा धाम आश्रम के संस्थापक सुधीर भाई ने कहा कि पुरखों की इस प्राचीन जल संरक्षण विधि को पूरे देश में सरकार को तुरंत लागू करना चाहिए। जो प्रयास जलयोद्धा उमाशंकर पांडेय कर रहे हैं, उसमें हम सब को भी लगना चाहिए।  

उन्होंने बताया “हमारे पुरखे प्रतिवर्ष आषाढ़ माह में अपने खेतों की मेड़बंदी करते थे और वर्षा की बूंदों को खेत में रोकते थे। इस विधि में किसी प्रकार के शिक्षण प्रशिक्षण, नवीन ज्ञान नवीन औजार तकनीक अनुमति की जरूरत नहीं है।

दैनिक जागरण कानपुर के पत्रकार शिवा अवस्थी ने कहा कि आज मेड़बंदी विधि पूरे देश में जखनी के नाम से जानी जाती है, जिसे जागृत करने का काम जल योद्धा उमा शंकर पांडे ने किया है। वे देश में मेड़बंदी के जनक माने जाते हैं। भारत सरकार ने उनको देश के जल योद्धा का सम्मान दिया है।

Medbandi Yagya Abhiyaan Yaatra, Jalyoddha, jakhani, Sewa Dham Ujjain
सेवाधाम के अंकित ग्राम में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित लोग।

सेवा धाम आश्रम के संस्थापक सुधीर भाई ने कहा कि पुरखों की इस प्राचीन जल संरक्षण विधि को पूरे देश में सरकार को तुरंत लागू करना चाहिए। जो प्रयास जलयोद्धा उमाशंकर पांडेय कर रहे हैं, उसमें हम सब को भी लगना चाहिए। वर्षा की बूंदे जहां गिरे वही रोकें, खेत का पानी खेत में गांव का पानी गांव में, घर का पानी घर में, जंगल का पानी जंगल में रोकें तो तालाब-कुआं-नाले आदि में हर समय पर्याप्त पानी रहेगा। इस अवसर पर सेवा धाम आश्रम के आचार्य बालकृष्ण उद्यान में खेत में मेड़बंदी कर पौधरोपण किया गया।

READ: सूखे बुंदेलखंड में पानी बचाने के लिए निकली जन चेतना जनसंवाद मेड़बंदी यज्ञ रथ

ALSO READ: पानी बचाने का जखनी मॉडल, शासन ने कहा- पूरे प्रदेश में हो लागू

अध्यक्षता कर रहे राजेश द्विवेदी ने कहा कि जल ही जगदीश हैं। उज्जैन भाजपा अध्यक्ष विवेक जोशी ने कहा कि हमें वर्षा जल को रोकने के लिए हर संभव आज ही से प्रयास करना चाहिए। इंदौर की भावना शर्मा, इंदौर के उद्योगपति अमित जोशी, पूर्व सीएमओ मातादीन विश्वकर्मा, पार्षद पप्पू अहिरवार आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

इस अवसर पर मंडी समिति के अध्यक्ष गोविंद खंडेलवाल, ऋषि कुल आश्रम समिति के सचिव डॉ, शिव पूजन, संगीतकार महेश द्विवेदी सहित बड़ी संख्या में आसपास के जल प्रेमी किसान उपस्थित थे। अंत में जखनी जलग्राम के अध्यक्ष जलयोद्धा उमाशंकर पांडेय ने मेड़बंदी यज्ञ अभियान यात्रा का संयोजक होने के नाते सबका आभार जताया।

CMARG (Citizen Media And Real Ground) is a research-driven media platform that focuses on real issues, timely debates, and citizen-centric narratives. Our stories come from the ground, not from the studio — that’s why we believe: “Where the Ground Speaks, Not the Studios.” We cover a wide range of topics including environment, governance, education, economy, and spirituality, always with a public-first perspective. CMARG also encourages young minds to research, write, and explore bold new ideas in journalism.