बुधवार को प्रेस क्लब नई दिल्ली में जलसंवाद कार्यक्रम में मौजूद स्वामी चिदानंद सरस्वती, आचार्य बालकृष्ण, नीति आयोग के अविनाश मिश्रा तथा अन्य लोग।
देश में जल संरक्षण, प्रबंधन और उचित वितरण को लेकर करीब तीन दशकों से चल रहे काम पर जल योद्धाओं ने संवाद किया तो जल आंदोलन को जन आंदोलन में बदलने की योजना को और बल मिल गया। बुधवार को राजधानी दिल्ली के प्रेस क्लब में देशभर से जुटे जलयोद्धाओं को संबोधित करते हुए ऋषिकेश स्थित परमार्थ निकेतन आश्रम के संस्थापक स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि समस्त प्राणी, जीव जंतु और खेत बिना जल के अस्तित्वहीन हैं। हमारी परंपरा ने हमें मेड़बंदी के माध्यम से खेतों को जीवंत बनाये रखने का मंत्र दिया है। स्वामी जी ने कहा कि हमें अपने बल को संबल बनाना है, हमें सामुदायिक सहयोग के माध्यम से खेतों को खुशहाल बनाना है।
आयुर्वेद के विशेषज्ञ और आयुर्वेद केन्द्र पतंजलि योगपीठ के अध्यक्ष आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि खेतों की मेड़ों पर हल्के और कम छायादार पेड़ों को लगाकर खेतों में संजीवनी पैदा की जा सकती है। औषधीय पेड़ मेड़ों के लिए और किसान के लिए काफी हितकारी हैं। जखनी जलग्राम से चला यह आंदोलन देश को जलसंरक्षण के क्षेत्र में नई दिशा और जलसेवियों को ऊर्जा प्रदान कर रहा है। जलयोद्धाओं का यह प्रयास पूरे देश में अपनाया जाना चाहिए।
नीति आयोग भारत सरकार के जल सलाहकार अविनाश मिश्रा ने कहा कि जखनी के लोगों का सामूहिक प्रयास ही उनकी सफलता मंत्र हैं। वहां लोग पैसा नहीं चाहते हैं बल्कि सामुदायिक आधार पर काम करके खेतों में जल के माध्यम से पैसा उपजाना चाहते हैं। यह अनूठा प्रयास है। उन्होंने देश में जल की उपयोगिता और इसके प्रबंधन पर हो रहे काम पर प्रकाश डाला।
देश के पूर्व जल सचिव यूपी सिंह ने कहा कि जलतीर्थ जखनी के कर्मठ लोगों के सामूहिक प्रयास का ही परिणाम है कि आज देश दुनिया में जल संरक्षण के लिए जखनी मॉडल का नाम गूंज रहा है। जलग्राम जखनी के उमाशंकर पांडेय के निरंतर प्रयासों के कारण ही भारत सरकार ने उन्हें ‘जलयोद्धा’ सम्मान से पुरस्कृत किया है।
वरिष्ठ अर्थशास्त्री और भारत सरकार के अधिकारी विश्वपति त्रिवेदी ने कहा कि लोग सरकार के मुखापेक्षी बने रहते हैं पर हमारे “जलयोद्धाओं” ने सरकार को नहीं बल्कि सरोकार को अपना रास्ता बनाया और जल प्रबंधन का ऐसा रास्ता निकाला, जो दुनिया को दिशा दिखा रहा है। उन्होंने इस आंदोलन को गांव-गांव तक ले जाने का आग्रह किया।
सेवाधाम आश्रम उज्जैन के अध्यक्ष सुधीर भाई गोयल ने कहा कि मानव सेवा और जल सेवा से ही दुनिया का अस्तित्व है। बिना इसके जीवन न तो समाज हितकारी है और न ही स्वहितकारी है। इस अवसर पर देशभर से आए पचास जलयोद्धाओं को सम्मानित भी किया गया।
कार्यक्रम को इंद्रमोहन अग्रवाल, जखनी जलग्राम के निदेशक टिल्लन रिछारिया ने भी संबोधित किया। जखनी जलग्राम के अध्यक्ष जलयोद्धा उमाशंकर पांडेय ने कार्यक्रम के आयोजन के बारे में बताया और लोकेश शर्मा ने संचालन किया।

CMARG (Citizen Media And Real Ground) is a research-driven media platform that focuses on real issues, timely debates, and citizen-centric narratives. Our stories come from the ground, not from the studio — that’s why we believe: “Where the Ground Speaks, Not the Studios.” We cover a wide range of topics including environment, governance, education, economy, and spirituality, always with a public-first perspective. CMARG also encourages young minds to research, write, and explore bold new ideas in journalism.