दो सौ सालों तक दुनिया को अपना गुलाम बनाकर रखने वाली ब्रिटिश हुकूमत के वर्तमान प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने हाल ही में ग्लासगो में हुए सीओपी26 जलवायु शिखर सम्मेलन (वर्ल्ड लीडर्स समिट) में पीएम मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा की थी।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अधिनियम द्वारा कुछ निर्णय किए गए हैं, लेकिन वायु प्रदूषण के जिम्मेदार कारकों को नियंत्रित करने के लिए क्या कदम उठाने जा रहे हैं, यह नहीं बताया गया है।
दिल्ली में सोमवार सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 342 था। शून्य से 50 के एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 को ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है।
जी-20 नेताओं ने 2021 के अंत तक कम से कम 40% तथा 2022 के मध्य तक 70% आबादी के टीकाकरण के वैश्विक लक्ष्यों को प्राप्त करने के प्रयासों पर सहमति जताई। कहा कि सदस्य देश सभी के लिए खाद्य सुरक्षा और पर्याप्त पोषण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसमें कोई नहीं छूटे।
जखनी के किसान पिछले 25 वर्षों से जलयोद्धा उमा शंकर पांडे के नेतृत्व में समुदाय के आधार पर खेत पर मेड़ मेड़ पर पेड़ जल संरक्षण अभियान चला रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितंबर को अपने मन की बात में इसका उल्लेख किया था।
डॉ. रविकांत पाठक न केवल एक वैज्ञानिक प्रतिभासंपन्न मेधावी उच्चशिक्षित प्रोफेसर हैं, बल्कि सोच और विचारों से सादगी, सहृदय, कोमल तथा देशकाल, परंपरा के प्रति अनुराग रखने वाले ग्राम्यभक्त भी हैं।
साबुन और सैनिटाइजर के ज्यादा प्रयोग से ड्राईनेस होता है। साथ ही यह उन बैक्टिरिया को भी मार देता है जो शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं। लीवर, किडनी, फेफड़े और प्रजनन प्रणाली को भी नुकसान पहुंचाता है।
मौसम विभाग का अनुमान भी संभावनाओं के साथ ही खेलता है। कहीं सही होता है तो कहीं सही होते-होते रह जाता है। इससे जो लोग भारी बारिश से परेशान हैं, वे भी और जो लोग बारिश का इंतजार कर रहे हैं, वे भी परेशान हैं।