जलभराव वाले कई स्थानों पर बाइक, स्कूटी और छोटी कारें फंस गईं। इंजन में पानी चले जाने से उन्हें घसीटकर ले जाना पड़ा। दूसरी तरफ इस दौरान बारिश के पानी में बच्चों ने खूब मस्ती की।
दिल्ली का आरोप है कि हरियाणा उसके हिस्से का पानी रोक ले रहा है। कावेरी जल को लेकर कर्नाटक और तमिलनाडु में वर्षों से विवाद चल रहा है। कहीं सूखे से लोग तबाह हैं तो कहीं बाढ़ ने सबको लील लिया।
खेत में मेड़, मेड़ पर पेड़ की परंपरागत तकनीकी से वर्षा बूंदों को रोककर जलस्तर बढ़ाने की कवायद ने साबित कर दिया कि जल में कितनी ताकत है। इसकी वजह से जलग्राम जखनी एक नया शोधकेंद्र साबित हो रहा है।
केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय और केंद्रीय भूजल बोर्ड के मुताबिक देश के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों की 85 फीसद से ज्यादा घरेलू जरूरतों के लिए भूमिगत जल ही एकमात्र स्रोत है।
पीएम मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान बुंदेलखंड के बांदा में चुनाव प्रचार के बीच जल संकट से निपटने के लिए जलशक्ति मंत्रालय बनाने की घोषणा की थी। जीतने पर पीएम ने इसे गठित कर घोषणा झांसी में की।
कुएं, तालाब और बाउली सूख गए हैं। कई गांवों में कुएं अब सिर्फ शादी-विवाह में घाट-बाट पूजन के लिए ही रह गए हैं, हालांकि उसमें पानी नहीं रहता है। पानी के न रहने से खेती भी खराब हो रही है।
केंद्रीय भूजल बोर्ड के मुताबिक सूखाग्रस्त क्षेत्र बांदा के भूजलस्तर में मेड़बंदी तकनीकी से एक मीटर 38 सेंटीमीटर का इजाफा हुआ है। अब देशभर में इसे अपनाने की सलाह दी जा रही है।
बुंदेलखंड के जखनी गांव में जहां पहले पानी की भारी कमी से लोग परेशान रहते थे, खेती नहीं होती थी और बेरोजगारी के चलते भुखमरी का माहौल था, वहां आलम यह है कि गांव का हर तालाब पानी से लबालब है, कुंओं का जलस्तर ऊपर से एक फीट तक है, खेतों में नमी है।
उत्तरी हिन्द महासागर (North Indian Ocean) में जब भी कोई साइक्लोन उठता है, तो उसका नाम भारत, श्रीलंका, बांग्लादेश, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान और थाइलैंड तय करते हैं।