Maharashtra new CM: महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा बदलाव होने वाला है, और इस बार देवेंद्र फडणवीस का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए लगभग तय हो गया है। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने फडणवीस के नाम पर सहमति दे दी है। खास बात यह है कि उनके साथ एकनाथ शिंदे और अजित पवार उपमुख्यमंत्री के रूप में काम करेंगे।
Maharashtra new CM: साझा नेतृत्व की दिशा में बड़ा कदम
भाजपा के सूत्रों ने जानकारी दी है कि फडणवीस के नाम को महायुति (भाजपा, शिंदे गुट, और अजित पवार गुट का गठबंधन) में सर्वसम्मति से मंजूरी मिल चुकी है। सोमवार को हुई एक अहम बैठक में भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई, जिसे शिवसेना (शिंदे गुट) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी अजित पवार गुट) ने भी समर्थन दिया।
Maharashtra new CM: एकनाथ शिंदे और अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद
मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, जो शिवसेना के शिंदे गुट का नेतृत्व कर रहे हैं, अब उपमुख्यमंत्री की भूमिका में नजर आएंगे। इसी पद पर अजित पवार भी उनकी साझेदारी करेंगे। बताया जा रहा है कि शिवसेना और एनसीपी को मंत्रीमंडल में बड़ी हिस्सेदारी मिलेगी। शिवसेना को करीब 12 मंत्री पद और कुछ अहम विभाग मिल सकते हैं, जबकि एनसीपी को लगभग 10 मंत्री पद दिए जाने की संभावना है।
Maharashtra new CM: मंत्रीमंडल में किसे क्या मिलेगा?
महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल की अधिकतम संख्या 43 हो सकती है, जिसमें मुख्यमंत्री भी शामिल हैं। भाजपा के पास 132 विधायक हैं, इसलिए वह 21 मंत्री पद अपने हिस्से में रख सकती है। गृह, वित्त, शहरी विकास और राजस्व जैसे अहम विभाग भाजपा अपने पास रखना चाहती है। हालांकि, गठबंधन की सहमति के तहत इन विभागों का बंटवारा किया जा सकता है।
दिल्ली में अमित शाह के साथ अंतिम बैठक
सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज शाम दिल्ली में देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे, और अजित पवार के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक में अंतिम फैसले लिए जाने की संभावना है। भाजपा ने अपने सहयोगियों को भरोसा दिलाया है कि उनकी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिए जाएंगे।
फडणवीस का राजनीतिक सफर
देवेंद्र फडणवीस के लिए मुख्यमंत्री का पद नया नहीं है। 2014 में, वह पहली बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने थे और पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा किया। उस समय भाजपा ने तत्कालीन शिवसेना के साथ गठबंधन किया था। 2019 में, विधानसभा चुनावों के बाद फडणवीस ने अजित पवार के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। हालांकि, यह सरकार महज 80 घंटे ही चल सकी, क्योंकि अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार का साथ दोबारा चुन लिया।
महाराष्ट्र की राजनीति में नया अध्याय
इस बार का गठबंधन नई संभावनाओं के साथ आया है। जहां देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बनकर भाजपा का चेहरा होंगे, वहीं एकनाथ शिंदे और अजित पवार का डिप्टी सीएम के रूप में शामिल होना सरकार की स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। देखना दिलचस्प होगा कि यह नई सरकार कैसे काम करती है और महाराष्ट्र की जनता के लिए क्या नए अवसर लेकर आती है। यह राजनीतिक घटनाक्रम राज्य की सत्ता में न केवल एक बड़ा बदलाव है, बल्कि सभी दलों के बीच संतुलन साधने की भी एक कोशिश है। अब सबकी नजरें इस पर टिकी हैं कि फडणवीस की नई पारी महाराष्ट्र को किस दिशा में ले जाएगी।
महाराष्ट्र में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव से एक बात साफ हो गई है कि वहां की जनता ने तमाम तरह की सियासी सोच और विरोधों को दरकिनार सरकार के लिए अपना पसंदीदा जनादेश दिया है। चुनाव से पहले बीजेपी और महायुति को भी इतनी ज्यादा सीटें मिलने की कोई उम्मीद नहीं थी। यह वजह है कि इस नतीजे को लेकर हर तरफ हैरानी जताई जा रही है।
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