टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी क्षेत्रीयता से उठकर अब राष्ट्रीयता की ओर कदम बढ़ा रही हैं। (फोटो-पीटीआई)
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को इस बार मिली जीत पिछली बार की जीत से कई मायनों में अलग है। पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी को इस बार जितनी बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा, उतनी बड़ी चुनौतियां इसके पहले नहीं थीं, लिहाजा इस बार उनकी महत्वाकांक्षा भी काफी ज्यादा है। पार्टी ने तय किया है कि अब क्षेत्रीयता से उठकर राष्ट्रीयता की तरफ कदम बढ़ाएं।
इसी को ध्यान में रखकर सीएम ममता बनर्जी पूरे देश में अपनी पार्टी का विस्तार करने जा रही हैं। पार्टी इसके लिए अपनी पीआर मजबूत कर रही है। तय हुआ है कि देश के सभी बड़े राज्यों में ममता बनर्जी की तस्वीरों को बड़ी-बड़ी स्क्रीनों पर लगाई जाए। इसकी जानकारी देते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता मदन मित्रा ने बताया कि बुधवार 21 जुलाई को एक वर्चुअल कार्यक्रम के जरिए टीएमसी राष्ट्रीय राजनीति में उतरेगी।
दरअसल 1980 में भाजपा भी एक छोटी पार्टी के रूप में थी और संसद में उसके केवल दो सदस्य थे, आज वह न केवल देश की सबसे बड़ी पार्टी है, बल्कि केंद्र में उसकी सरकार भी है। ममता बनर्जी को लगता है कि 2024 में यही चमत्कार उनकी पार्टी करेगी। अभी पीएम मोदी के नेतृत्व में भाजपा अपने दूसरे कार्यकाल में चल रही है। इसके पहले अटल बिहारी बाजपेयी के नेतृत्व में पार्टी ने सफलतापूर्वक पांच साल का कार्यकाल पूरी की थी।
पार्टी की ओर से कार्यक्रम के दौरान त्रिपुरा, असम, ओडिशा, बिहार, पंजाब, यूपी और दिल्ली में बड़ी स्क्रीनें लगाई जाएंगी। उनका मानना है कि 2024 में केंद्र में ममता की सरकार होगी। यह भी कहा कि साल 2024 के चुनाव में यूपी अहम साबित होगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि बीजेपी साल 2022 का विधानसभा चुनाव हारने वाली है।
के चुनाव को ध्यान में रखकर तृणमूल कांग्रेस शहीद दिवस पर अपने सबसे बड़े कार्यक्रम के जरिए अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग भाषाओं में टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी के भाषण का प्रसारण करेगी और देशभर के लोगों तक पहुंचाने की योजना बना रही है।
टीएमसी नेता ने यह भी बताया कि बनर्जी के भाषणों का पश्चिम बंगाल में बड़े पर्दों पर प्रसारित किया जाएगा और पहली बार तमिलनाडु, दिल्ली, पंजाब, गुजरात, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश जैसे दूसरे राज्यों में भी इसका प्रसारण किया जाएगा। पश्चिम बंगाल में भाषण बंगाली भाषा में प्रसारित किया जाएगा, जबकि अलग-अलग राज्यों में इसका स्थानीय भाषाओं में अनुवाद करके प्रसारित किया जाएगा।
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कहा कि पीएम मोदी और अमित शाह के गढ़ गुजरात के कई जिलों में भी ममता बनर्जी के भाषण को बड़े पर्दे पर प्रसारित करने की योजना है। उन्होंने कहा कि मोदी और शाह ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के दौरान बीजेपी के अभियान की कमान संभाली थी। अब गुजरात और अन्य राज्यों में दीदी का संदेश फैलाने की हमारी बारी है। पार्टी उत्तर प्रदेश में ऐसे ही कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बना रही है। उत्तर प्रदेश में भी अगले साल चुनाव होने हैं।
इस कार्यक्रम से पहले एआईएडीएमके नेता जयललिता की तरह ममता बनर्जी को चेन्नई में अम्मा बताते हुए पोस्टर लगाए गए हैं। टीएमसी दक्षिणी राज्यों में भी अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रही है। ममता बनर्जी 21 जुलाई के कार्यक्रम के बाद नई दिल्ली का भी दौरा करेंगी, जहां वह पुरानी और नई मित्रों से मुलाकात करेंगी।
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