पंजाब के बठिंडा के एक बाजार में कोरोना संक्रमण के बढ़ते केसों से बेफिक्र होकर बिना मास्क के घूमते दिखे लोग। (फोटो: पवन शर्मा- दैनिक ट्रिब्यून)
तमाम ऐहतियातों और जरूरी उपायों को अपनाने के बाद भी अगर कोरोना विषाणु पर नियंत्रण नहीं मिल रहा है तो इसकी एक ही वजह है कि हमारे सुरक्षा उपायों में कहीं न कहीं चूक है। हमने तय कर रखा है कि न सुधरेंगे और न ही किसी को सुधरने देंगे। केरल समेत देश के सभी हिस्सों में कोरोना का संक्रमण एक बार फिर तेजी से फैल रहा है, इसके बावजूद बहुत से लोग और बड़े लोग भी न तो मास्क लगा रहे है और न ही ऐहतियाती दूरी ही रख रहे हैं। शुक्रवार को ही भारत में कोरोना वायरस के एक दिन में 44,643 नए मामले आने से संक्रमण के मामलों की कुल संख्या 3,18,56,757 पर पहुंच गई, वहीं उपचाराधीन मरीजों की संख्या में लगातार तीसरे दिन वृद्धि देखी गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शुक्रवार सुबह आठ बजे तक अपडेटेड आंकड़ों के अनुसार, 464 और लोगों के जान गंवाने से मृतकों की संख्या बढ़कर 4,26,754 हो गई है। उपचाराधीन मरीजों की संख्या संक्रमण के कुल मामलों की 1.30 प्रतिशत है। कोविड-19 से उबरने वाले मरीजों की दर 97.36 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटों में कोविड-19 का इलाज करा रहे मरीजों की संख्या में 3,083 की वृद्धि हुई है।मंत्रालय ने बताया कि गुरुवार को कोविड-19 का पता लगाने के लिए 16,40,287 नमूनों की जांच की गई और इसी के साथ अभी तक महामारी का पता लगाने के लिए देश में हुए कुल नमूनों की जांच की संख्या 47,65,33,650 हो गई है।
आंकड़ों के मुताबिक, संक्रमण की दैनिक दर 2.72 प्रतिशत है। पिछले 11 दिनों से यह तीन प्रतिशत से कम रही है। साप्ताहिक संक्रमण दर 2.41 प्रतिशत दर्ज की गयी। इस बीमारी से उबरने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 3,10,15,844 हो गयी है और मृत्यु दर 1.34 प्रतिशत है। अभी तक देशव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत कोविड-19 रोधी टीके की 49.53 करोड़ खुराक दी गई है।
देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितम्बर को 40 लाख से अधिक हो गई थी। वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवम्बर को 90 लाख के पार हो गए। देश में 19 दिसम्बर को ये मामले एक करोड़ के पार, चार मई को दो करोड़ के पार और 23 जून को तीन करोड़ के पार चले गए थे।
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आंकड़ों के अनुसार, जिन 464 और लोगों ने जान गंवाई हैं उनमें से 120 की मौत महाराष्ट्र में और 117 की केरल में हुई। देश में इस महामारी से अब तक कुल 4,26,754 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से सबसे अधिक 1,33,530 लोगों की मौत महाराष्ट्र में, 36,705 की कर्नाटक, 34,230 की तमिलनाडु, 25,060 की दिल्ली, 22,770 की उत्तर प्रदेश, 18,193 की पश्चिम बंगाल और 17,328 लोगों की मौत केरल में हुई।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अब तक जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें से 70 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों को अन्य बीमारियां थीं। मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि उसके आंकड़ों का भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के आंकड़ों के साथ मिलान किया जा रहा है।
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