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वस्तु और सेवा कर (GST) संग्रह में लगातार वृद्धि से देश के लिए राजस्व की स्थिति में सुधार साफ झलक रहा है। इससे कोविड-19 के बाद आए आर्थिक संकट से निपटने में सरकार को मदद मिलेगी। साथ ही अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
वित्त मंत्रालय ने पहली अक्टूबर को जानकारी दी कि भारत में वस्तु और सेवा कर (GST) संग्रह सितंबर में 1.17 लाख करोड़ रुपये रहा, जो लगातार तीसरे महीने एक लाख करोड़ रुपये से अधिक है। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक सितंबर 2021 का राजस्व संग्रह सितंबर 2020 के संग्रह से 23 प्रतिशत अधिक है।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “सितंबर 2021 में जमा सकल जीएसटी राजस्व 1,17,010 करोड़ रुपये है, जिसमें सीजीएसटी 20,578 करोड़ रुपये, एसजीएसटी 26,767 करोड़ रुपये, आईजीएसटी 60,911 करोड़ रुपये (माल के आयात पर एकत्रित 29,555 करोड़ रुपये सहित) और उपकर 8,754 करोड़ रुपये (माल के आयात पर जमा 623 करोड़ रुपये सहित) है।” CGST का अर्थ केंद्रीय वस्तु और सेवा कर, SGST का अर्थ राज्य वस्तु और सेवा कर तथा IGST का अर्थ एकीकृत वस्तु और सेवा कर है।
सितंबर के दौरान वस्तुओं के आयात से राजस्व 30 प्रतिशत अधिक रहा और घरेलू लेनदेन (सेवाओं के आयात सहित) से राजस्व पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक था। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक सितंबर 2021 में नियमित निपटान के बाद केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा अर्जित कुल राजस्व CGST के लिए 49,390 करोड़ रुपये और SGST के लिए 50,907 करोड़ रुपये है।
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चालू वर्ष की दूसरी तिमाही में औसत मासिक सकल GST संग्रह 1.15 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो इसी वर्ष की पहली तिमाही में हुए औसत मासिक संग्रह 1.10 लाख करोड़ की तुलना में पांच प्रतिशत अधिक है, जो अर्थव्यवस्था में सुधार को दर्शाता है। बयान में कहा गया कि आर्थिक वृद्धि और कर चोरी रोकने के लिए किए गए उपायों, विशेष रूप से फर्जी बिल बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई से GST संग्रह बढ़ा।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि राजस्व में यह सकारात्मक रुझान आगे जारी रहेंगे और चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में अधिक राजस्व मिलेगा। इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर के मुताबिक 22,000 करोड़ रुपये का GST मुआवजा उपकर जारी करने से राज्यों के नकदी प्रवाह की स्थिति में सुधार होगा।
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