अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि और उनके शिष्य आनंद गिरि। (फोटो- सोशल मीडिया)
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और प्रयागराज स्थित बाघंबरी मठ के महंत नरेंद्र गिरि के सोमवार को संदिग्ध दशा में निधन के बाद पुलिस ने उनके शिष्य योग गुरु आनंद गिरि को उत्तराखंड पुलिस की मदद से हरिद्वार में हिरासत में ले लिया। मौके से मिले सात-आठ पेजों के सुसाइड नोट में नरेंद्र गिरि ने शिष्य से परेशान होने की बात लिखी थी। इसके आधार पर पुलिस ने उनके सबसे करीबी शिष्य आनंद गिरि को अपनी हिरासत में ले लिया है। इसके अलावा पुलिस ने दो अन्य शिष्यों मुख्य पुजारी आद्या तिवारी और संदीप तिवारी को प्रयागराज में हिरासत में लिया है। तीनों का नाम सुसाइड नोट में है।
योग गुरु आनंद गिरि के साथ हाल ही में नरेंद्र गिरि का विवाद भी हुआ था। तब आनंद गिरि ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को पत्र भेजकर आरोप लगाया था कि उनके गुरु नरेंद्र गिरि प्रयागराज स्थित मठ की कई कीमती ज़मीनों को निजी स्तर पर बेच रहे हैं। उन्होंने इसकी उच्चस्तरीय जांच कराने की भी मांग की थी।
इसके बाद अखाड़ा परिषद और बाघंबरी मठ से आनंद गिरि को निष्कासित कर दिया गया था। बाद में उन्होंने माफ़ी भी मांग ली थी, लेकिन उनका निष्कासन वापस नहीं किया गया था। हालांकि आनंद गिरि जिस मुद्दे की जांच कराना चाहते थे, वह मुद्दा अब भी बरकरार है। नरेंद्र गिरि नहीं रहे, लेकिन उन मुद्दों से अब पर्दा जरूर उठेगा।
नरेंद्र गिरि का शरीर अल्लापुर स्थित बाघंबरी मठ में पंखे से लटकता हुआ मिला था। उनके अचानक निधन की सूचना से संत समाज तो स्तब्ध है ही, राजनेता और समाज के दूसरे वर्गों के प्रतिष्ठित लोग भी हैरान हैं। हालांकि वह आध्यात्मिक पुरुष थे, लेकिन उनका संबंध समाज के विभिन्न क्षेत्रों के विशिष्ट लोगों से भी था। कई राजनीतिक दलों के नेताओं का उनसे व्यक्तिगत जुड़ाव था।
पुलिस ने पहली नजर में निधन की वजह भले ही आत्महत्या बताई है, लेकिन जिस तरह से वह पिछले कुछ समय से विवादों में रहे और उनके नाम से मठ समेत अन्य स्थानों पर अरबों रुपए की संपत्ति होने की बातें कही जा रही थीं, उससे इस पूरे मामले में कई तरह के पेंच होने की भी आशंका जताई जा रही है।
इसके अलावा कुछ समय पहले ही अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के नाम से बने कथित फर्जी अकाउंट से कई विवादित ट्वीट किए जाने पर महंत नरेंद्र गिरि ने स्थानीय थाने में अज्ञात लोगों के विरुद्ध केस भी दर्ज कराया था।
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नरेंद्र गिरी के निधन पर पीएम मोदी, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव समेत कई नेताओं ने दुख जताया है। यूपी सरकार ने घटना की जांच कराने की बात भी कही है।
पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव और बाघंबरी गद्दी के महंत नरेंद्र गिरि को सर्वसम्मति से मार्च 2015 में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष चुना गया था। 2019 में वह दोबारा अध्यक्ष बनाए गए थे।

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