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सूखे बुंदेलखंड में पानी बचाने के लिए निकली जन चेतना जनसंवाद मेड़बंदी यज्ञ रथ

पीएम मोदी और सीएम योगी के नेतृत्व में देश और प्रदेश की सरकारें जल संरक्षण के लिए विशेष नीतियां तैयार कर सूखे की समस्या का स्थायी निदान करने में लगी हैं। जल के प्रति जनचेतना जगाकर ही जल संरक्षण किया जा सकता है। दुनिया की सभी पुरानी सभ्यताओं का जन्म जल के समीप हुआ है जल ही जीवन का आधार है। ये बातें उत्तर प्रदेश के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहीं। वे उत्तर प्रदेश के बांदा जनपद के ओरन गांव में जल-जंगल-जमीन के संरक्षण के लिए आयोजित “बुन्देली भू-जल पंचायत” कार्यक्रम में बोल रहे थे।

इस दौरान सूखा प्रभावित बुंदेलखंड को पानीदार बनाने और लोगों में जनचेतना जागृत करने के लिए 60 दिवसीय जल संवर्धन जन चेतना जनसंवाद मेड़बंदी यज्ञ रथ यात्रा की शुरुआत की गई। यात्रा को कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

रथ बुंदेलखंड के सभी सातों जिलों से होकर निकलेगी। भूदान यज्ञ के दौरान संत विनोबा भावे जी ने बांदा के कमासिन में जहां भू-दान यज्ञ किया था, उसी पवित्र भूमि से कई दशकों बाद “मेड़बन्दी यज्ञ” रथ का आगाज हुआ है। इस दौरान आठ राज्यों के 35 जिलों से आए 51 जल योद्धाओं को भागीरथ सम्मान भूजल संरक्षण सम्मान प्रदान किया गया।

: खास बातें :
बुंदेली भूजल पंचायत के संयोजक और जलग्राम जखनी के जलयोद्धा उमा शंकर पांडेय ने जखनीवासियों के बिना किसी सरकारी- गैरसरकारी मदद के स्वावलंबन की शक्ति से “खेत में मेड़, मेड़ पर पेड़” पद्धति से सूखा प्रभावित क्षेत्र को जलदार बनाने के बारे में बताया।

सेवाधाम आश्रम उज्जैन के सुधीर भाई गोयल ने कहा कि जलयोद्धा उमाशंकर पांडेय ने जल संरक्षण की प्राचीन तरीका अपनाया है, वह आज के वैज्ञानिक युग में एक मिसाल है। इसे देशभर में लागू किया जाना चाहिए।

कार्यक्रम में बुंदेली भूजल पंचायत के संयोजक और जलग्राम जखनी के जलयोद्धा उमा शंकर पांडेय ने बताया कि किस प्रकार जखनी के किसानों ने बिना किसी सरकारी या गैरसरकारी सहयोग के स्वावलंबन की शक्ति से “खेत में मेड़, मेड़ पर पेड़” पद्धति से सूखा प्रभावित इलाके को जलदार बना दिया। उन्होंने मेड़बंदी पर भारत सरकार के कैच द रेन जल जीवन मिशन और हर घर जल विषय पर चर्चा कर उसके बारे में विस्तार से बताया।

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जल शक्ति राज्यमंत्री रामकेश निषाद ने कहा कि नदियां मात्र प्राकृतिक संरचनाएं नहीं है, जीवन रेखा है और देश के विकास का भविष्य तय करती हैं। नदियों के जल से खेतों को पानी मिलता है, विद्युत उत्पादन होता है नदियां हमें साहस और धैर्य सिखाती हैं। उनका संरक्षण हर हाल में किया जाएगा। सेवाधाम आश्रम उज्जैन के सुधीर भाई गोयल ने कहा कि जलयोद्धा उमाशंकर पांडेय ने जल संरक्षण की प्राचीन तरीका अपनाया है, वह आज के वैज्ञानिक युग में एक मिसाल है। इसे देशभर में लागू किया जाना चाहिए।

आयुक्त चित्रकूट धाम मंडल दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि हमारे देश में तालाबों का इतिहास बहुत पुराना है जिन्हें “सरोवर” नाम से पुकारते हैं पौराणिक कथाओं में तालाब बनाना पुण्य का काम माना जाता था। जिलाधिकारी बांदा अनुराग पटेल ने कहा कि वर्षा की बूंदे जहां गिरे वहीं पर रोकें। इसके लिए प्राचीन मेड़बंदी जल संरक्षण व्यवस्था आज भी कारगर है। जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील पटेल, स्थानीय विधायिका ओममणि वर्मा, प्रसिद्ध जल वैज्ञानिक डॉ. बृजभूषण शर्मा आदि ने भी संबोधित किया।

मेड़बन्दी रथ को जल शक्ति मंत्री एवं जल शक्ति राज्य मंत्री ने हरी झंडी दिखाकर बुंदेलखंड के प्रत्येक जिले और कस्बों से होते हुए उज्जैन के लिए रवाना किया। यह रथ बगैर सरकार की सहायता के समुदाय के आधार पर उज्जैन पहुंचा। इसका एकमात्र उद्देश्य भूजल बढ़ाना है।

कार्यक्रम का आयोजन भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष राजेश द्विवेदी जी ने किया। जनपद बांदा के नगर पंचायत ओरन में बुंदेली भू-जल पंचायत में मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह रहे। पंचायत में समूचे भारत के 8 प्रदेशों के जल संवर्धन, जल संरक्षण, पर्यावरण में काम करने वाले प्रतिनिधियों ने भी अपने अनुभव रखे।

यात्रा के दौरान कार्यक्रम में मुख्य रूप से पूर्व मंत्री चन्द्रिका प्रसाद उपाध्याय, चित्रकूट धाम मंडल के कमिश्नर दिनेश कुमार सिंह, जिलाधिकारी बांदा अनुराग पटेल, चित्रकूट के महंत मदनदास जी महाराज, एमएलसी जितेंद्र सिंह, अध्यक्ष जिला पंचायत सुनील पटेल, विधायक ओम मणि, जिला अध्यक्ष बीजेपी संजय सिंह, अध्यक्ष बुंदेलखंड विकास बोर्ड अयोध्या सिंह पटेल, अशोक त्रिपाठी जीतू, लवलेश सिंह, विशम्भर सिंह, रामबली सिंह, पतिराखन सिंह, ममता मिश्रा, सदस्य राज्य महिला आयोग प्रभा गुप्ता, अर्चना शुक्ल, ममता त्रिपाठी, जागृति वर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष किसान मोर्चा शिवशंकर सिंह, जयपाल सिंह, डॉ. रामनारायण त्रिपाठी, अजय पटेल, विजयपाल सिंह, कृषि संबंधित आयोग के सदस्य श्याम बिहारी गुप्ता, बीडी शर्मा मुंबई, विवेक प्रजापति, डॉक्टर रामशरण गुजरात डॉ. इदरीश मोहम्मद, प्रो. हलीम खान, शांति भूषण सिंह, अरविंद भाई कालिंजर, विजय शंकर तिवारी इलाहाबाद, राजेश गुप्ता छतरपुर, धर्मेंद्र मिश्रा बनारस, राधे कृष्ण श्रीवास्तव जालौन, डॉ. शिवपूजन अवस्थी छतरपुर, जुगनू खान चित्रकूट उपस्थित रहे।

इसके अलावा राहुल त्रिपाठी नौगांव, गुंजन मिश्रा चित्रकूट, महेश द्विवेदी पलटा छतरपुर, विनोद भारती खजुराहो, राजेंद्र निगम महोबा, राकेश पटेल महाराजगंज, बीपी पटेल जालौन, सुधीर भाई, बसंत लक्ष्मी तेलंगाना, डॉ. रमेश हैदराबाद, आंध्र प्रदेश शिवा अवस्थी कानपुर, राजेंद्र साहू फतेहपुर, वासुदेव सिंह ललितपुर, डॉ.शिव प्रकाश सिंह बांदा, असलम छनेरा बांदा, विवेक अवस्थी इलाहाबाद, अशोक तपस्वी फतेहपुर, राम प्रकाश गर्ग तुर्रा, राहुल अवस्थी छतरपुर, अभय निगम, ज्ञानेंद्र शर्मा, राम नारायण त्रिपाठी चित्रकूट सतना, अरविंद सिंह घाटमपुर कानपुर, डॉ. एनके बाजपेई, नितेश द्विवेदी दिल्ली, सोनिया पांडे झांसी, सुधीर शर्मा खजुराहो, सचिन अग्निहोत्री, राजीव कुमार पटना, बृजभूषण शर्मा मुंबई भी मौजूद रहे। बुंदेली भूजल पंचायत के आयोजक राजेश द्विवेदी ने आभार व्यक्त किया।

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