YouTube and TV Channels: आजकल टीवी चैनल्स के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है: क्या यूट्यूब उन्हें खत्म कर देगा? आज से कुछ साल पहले ऐसा सोचना मुश्किल था, लेकिन यूट्यूब के लगातार बढ़ते प्रभाव को देखते हुए यह सवाल अब अहम हो चुका है। इस साल जुलाई में यूट्यूब ने अमेरिका में एक ऐतिहासिक आंकड़ा दर्ज किया, जब लोगों ने टीवी या सिनेमा देखने से ज्यादा समय यूट्यूब पर बिताया। यूट्यूब ने डिज़्नी, पैरामाउंट, नेटफ्लिक्स जैसे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को भी पीछे छोड़ दिया था।
यूट्यूब की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए सवाल उठता है कि क्या टीवी चैनल्स अब खतरे में हैं। जब से यूट्यूब ने अपनी जगह ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर मजबूत की है, तब से यह एक महत्वपूर्ण मीडिया प्लेटफॉर्म बन गया है, और इसके प्रभाव में लगातार इज़ाफा हो रहा है।
YouTube and TV Channels: यूट्यूब पर मिलते हैं हर तरह के कंटेंट
मार्क बर्गेन, जो कि यूट्यूब के बारे में लिखी गई किताब के लेखक हैं, कहते हैं, “यूट्यूब पर लोग न केवल मनोरंजन बल्कि जानकारी, शिक्षा और कला के बारे में भी कंटेंट खोजते हैं। अब यह हर महीने लगभग तीन अरब यूज़र्स तक पहुंचने वाला सबसे बड़ा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बन चुका है।”
भारत में भी यूट्यूब की पहुंच लगातार बढ़ रही है, जहां लगभग 40 करोड़ लोग इसे देख रहे हैं। यूट्यूब ने अपने स्टार कंटेंट क्रिएटर्स के माध्यम से पूरी दुनिया में एक नया जनरेशन स्टार सिस्टम विकसित किया है। मिस्टर बीस्ट जैसे कंटेंट क्रिएटर ने इस साल भारतीय म्यूजिक लेबल टी सिरीज़ को भी पछाड़ दिया, जिससे यह साबित हो गया कि यूट्यूब पर लोग अब टीवी स्टार्स से कहीं ज्यादा समय बिता रहे हैं।
YouTube and TV Channels: टीवी चैनल्स का असल खतरा क्या है?
यूट्यूब की सफलता का सबसे बड़ा कारण यह है कि वह यूज़र जनरेटेड कंटेंट (UGC) को प्रोत्साहित करता है। इसका मतलब है कि टीवी चैनल्स की तरह यूट्यूब को खुद महंगे कंटेंट बनाने का जोखिम नहीं उठाना पड़ता। यूट्यूब पर कंटेंट क्रिएटर बिना किसी बड़े बजट के अपनी सामग्री बना सकते हैं, जबकि टीवी चैनल्स को किसी शो या कार्यक्रम के लिए बड़े निवेश की जरूरत होती है। इसके साथ ही यूट्यूब हर यूज़र की प्राथमिकताओं को जानता है और उसी हिसाब से उनके लिए कंटेंट पेश करता है।
टीवी चैनल्स के मुकाबले यूट्यूब बहुत ज्यादा लचीलापन प्रदान करता है। लोग अपनी पसंद का कंटेंट सर्च करके देख सकते हैं, और इसकी कोई समय सीमा भी नहीं होती। यह सुविधा पारंपरिक टीवी चैनल्स नहीं दे सकते, क्योंकि वे निर्धारित समय पर ही प्रोग्राम चलाते हैं।
टीवी चैनल्स की एक और बड़ी चुनौती यह है कि वे अब यूट्यूब के मुकाबले काफी महंगे कंटेंट बनाने में सक्षम नहीं हैं, क्योंकि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर लोगों का ध्यान बंट गया है। यूट्यूब में न सिर्फ लोग एंटरटेनमेंट कंटेंट देख रहे हैं, बल्कि वे विभिन्न प्रकार के शिक्षा, स्वास्थ, खाना बनाने, DIY प्रोजेक्ट्स और और भी बहुत कुछ देख रहे हैं।
YouTube and TV Channels: यूट्यूब की रणनीतियां
यूट्यूब लगातार अपने प्लेटफ़ॉर्म पर विज्ञापन बढ़ाने, नई सुविधाओं को लागू करने, और कंटेंट क्रिएटर्स के लिए नए तरीके पेश करने पर ध्यान दे रहा है। 2022 में यूट्यूब ने विज्ञापनों से 31.5 अरब डॉलर की आय प्राप्त की, जो गूगल से भी ज्यादा थी। इसके अलावा, यूट्यूब अब छोटे वीडियो प्रारूप “शॉर्ट्स” को बढ़ावा दे रहा है, जो टिकटॉक जैसी ऐप्स के मुकाबले की रणनीति है।
YouTube and TV Channels: क्या टीवी चैनल्स को पूरी तरह खतरा है?
हालांकि यूट्यूब ने टीवी चैनल्स के लिए चुनौती जरूर खड़ी कर दी है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि पारंपरिक टीवी चैनल्स पूरी तरह खत्म हो जाएंगे। यूट्यूब की सफलता का एक कारण उसका उपयोगकर्ता-निर्मित कंटेंट है, जो उसे और भी ज्यादा आकर्षक बनाता है। टीवी चैनल्स अपने पुराने रूप में बने रह सकते हैं, लेकिन वे निश्चित रूप से यूट्यूब और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स से प्रतिस्पर्धा का सामना करेंगे।
टीवी चैनल्स और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स यूट्यूब का इस्तेमाल अपनी सामग्री को प्रमोट करने के लिए भी करते हैं। हालांकि यूट्यूब अपने यूज़र्स को बिना जोखिम के कंटेंट देखने का अनुभव देता है, लेकिन इसका यह भी मतलब है कि यह पूरी दुनिया में मनोरंजन की जरूरतों को काफी हद तक पूरा कर रहा है।
यूट्यूब ने निश्चित रूप से टीवी चैनल्स के सामने एक बड़ा खतरा खड़ा कर दिया है, लेकिन इसकी सफलता से पारंपरिक टीवी मीडिया को भी एक नई दिशा मिली है। शायद भविष्य में यह दोनों प्लेटफॉर्म्स साथ-साथ काम करेंगे, लेकिन यह कहना गलत नहीं होगा कि यूट्यूब ने टेलीविजन की दुनिया को बदलने की दिशा में बड़ा कदम उठा लिया है।
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